मुजफ्फरपुर में गायघाट पीएचसी में 2015 में ऑपरेशन कराने के बाद भी महिला के दो और बच्चे हो गए। यह मामला तब सामने आया जब जिलाधिकारी प्रणव कुमार सदर अस्पताल परिसर पहुंचे। भ्रमण के क्रम में एक दंपती ने सामने आकर लिखित शिकायत की। मामला सामने आने के बाद सनसनी मच गई है। छह संतान होने के कारण चार दिन पहले राशन कार्ड से नाम काट दिया गया।
चार संतानों के बाद कराया था बंध्याकरण ऑपरेशन, दो और को जन्म देने के बाद तीसरी बार हुई गर्भवती; लापरवाही पर प्रशासन ने उठाया बड़ा कदम
मुजफ्फरपुर। जनसंख्या नियंत्रण अभियान के लिए सरकार कई स्तर से प्रयास कर रही है, मगर उसे स्वास्थ्य विभाग ही पलीता लगा रहा है। इस अभियान में बड़ी लापरवाही सामने आई है। गायघाट पीएचसी में 2015 में ऑपरेशन कराने के बाद भी महिला के दो और बच्चे हो गए।
दंपती ने सामने आकर लिखित शिकायत की
यह मामला तब सामने आया जब जिलाधिकारी प्रणव कुमार सदर अस्पताल परिसर पहुंचे। भ्रमण के क्रम में एक दंपती ने सामने आकर लिखित शिकायत की। इसके बाद डीएम गंभीर हुए। उन्होंने जिला कार्यक्रम प्रबंधक रेहान अशरफ से मामले की जांच कर रिपोर्ट मांगी है। वहीं मामला सामने आने के बाद सनसनी मच गई है।
गरीब परिवार पर अव्यवस्था के कारण बढ़ा बोझ
गायघाट क्षेत्र के केवटसा की 35 वर्षीय महिला जूली देवी ने 2015 में गायघाट पीएचसी में बंध्याकरण ऑपरेशन कराया था। इसके बाद दो बच्चों को जन्म दिया। वह फिर से गर्भवती हो गई है। इसके बाद से उनका परिवार चिंतित है।

परिवार में पहले से चार संतान है। इनमें 2008 में बेटी कोमल कुमारी, 2009 में बेटा किसू कुमार, 2011 में बेटी वैष्णवी और 2013 में किसमी कुमारी के जन्म के बाद परिवार सीमित रखने के लिए चिकित्सक की सलाह पर पत्नी का परिवार नियोजन ऑपरेशन शिविर में करवाया था।
ऑपरेशन के तीन साल के बाद होने लगे बच्चे
नीरज की मानें तो ऑपरेशन के तीन साल के बाद 2018 में उसकी पत्नी एक बार फिर से गर्भवती हुई। इसकी जानकारी उन्होंने तत्कालीन सिविल सर्जन को दी। शिकायत के बाद जांच का आदेश सिविल सर्जन ने दिया। जांच के क्रम में ही 2018 में किशोर कुमार और 2020 में छठी संतान के रूप में छठी कुमारी का जन्म हुआ।
2018 में सिविल सर्जन से शिकायत करने गए थे। उस समय उन्होंने निजी कोष से छह हजार की राशि दी थी। उसके बाद केजरीवाल अस्पताल में जाकर प्रसव कराया। गर्भनिरोधक इंजेक्शन के बाद हुई उल्टी तो कराई जांच शिकायत के बाद परिवार नियोजन में बच्चों के बीच अंतर रखने वाला इंजेक्शन लगाया गया।
इंजेक्शन लगने के बाद उल्टी होने की शिकायत होने पर जांच कराई तो पता चला कि वह गर्भवती है। वहीं ऑपरेशन में लापरवाही की शिकायत के बावजूद संबंधित चिकित्सक पर कार्रवाई के लिए करीब नौ साल से चक्कर लगा रहे हैं।
राशन कार्ड से काट दिया नाम
नीरज ने बताया कि छह संतान होने के कारण चार दिन पहले राशन कार्ड से नाम काट दिया गया। जब पड़ताल की तो राशन दुकानदार ने बताया कि अब केवल दो संतान और दो पति-पत्नी के नाम पर ही राशन मिलेगा। 20 किलो मिलेगा। पहले पचास किलो देता था। वह नहीं मिला। बताया कि दोष किसका और खमियाजा भुगत रहा परिवार।
…तो चुनाव से वंचित हो जाएंगे कई
गायघाट पीएचसी में बंध्याकरण ऑपरेशन के बाद भी दो बच्चे का जन्म और तीसरी बार गर्भधारण ने अभियान की सफलता पर प्रश्नचिह्न तो लगाया ही, कई और सवाल भी पैदा कर दिया। यह इसलिए कि पंचायत एवं नगरपालिका चुनाव में दो संतानों की अनिवार्यता है।
इस स्थिति में ऑपरेशन के बाद किसी दंपती को संतान की प्राप्ति होती है तो उसके चुनाव लड़ने पर संशय हो जाएगा। जबकि इसमें उसकी कोई गलती नहीं होगी। ऐसे में इस तरह के मामले को लेकर भी प्रविधान की जरूरत पड़ेगी। इसके अलावा गरीब परिवार पर बढ़ने वाले बोझ की जिम्मेदारी कौन उठाएगा।