Haryana Assembly Election: राजस्थान की सीमा से लगते लोहारू हलके में सियासी माहौल गर्म है। भाजपा ने अपने मौजूदा वित्त मंत्री जेपी दलाल पर दांव लगाया है। वहीं, कांग्रेस ने राजबीर फरटिया को मैदान में उतारा है। 1996 से लगातार कांग्रेस इस सीट पर जीत के लिए तरस रही है। इस बार फरटिया के सहारे जीत की उम्मीद है। वहीं, आम आदमी पार्टी (AAP) ने गीता बाला, इनेलो व बसपा गठबंधन ने भूपसिंह बैराण, जननायक जनता पार्टी (JJP) ने अलका आर्या को टिकट दिया है। जेपी दलाल को अपने विकास कार्यों के सहारे जीत की उम्मीद है।
लगातार 6 बार हार चुकी कांग्रेस
वहीं, फरटिया लगातार हलके में सक्रिय रहे हैं। दोनों के बीच सीधा मुकाबला है। इस सीट पर अब तक 13 चुनाव हुए हैं। जिसमें लगातार 7 कांग्रेस जीती है। कांग्रेस इस सीट से लगातार 6 चुनाव हार भी चुकी है। पिछली बार बीजेपी के जेपी दलाल ने पहली बार कांग्रेस के सोमबीर सिंह को 17 हजार वोटों से हराया था। 2014 में वे हार गए थे। पहली बार विधायक बनने पर उनको वित्त मंत्री बनाया गया। बताया जाता है कि नहरी पानी की दिक्कत को दलाल ने दूर करवाया।
किसानों को समय पर फसलों का मुआवजा दिलवाया है। लेकिन सामाजिक कार्यों में सक्रिय फरटिया को भी इस बार लोगों का साथ मिल सकता है। दोनों कैंडिडेट जाट हैं। ऐसे में जाट वोट बंटने तय हैं। ऐसे में गैर जाट वोटों की भूमिका अहम रहेगी। लोहारू में लगभग 2 लाख वोटर हैं। कांग्रेस की टिकट के लिए सोमबीर सिंह और नरेंद्र राज गागड़वास भी दावेदार थे। लेकिन फरटिया टिकट लेने में कामयाब रहे। ऐसे में उनको भितरघात का भी खतरा है।
लोहारू हलके में श्योराण खाप के 52 गांव हैं, जिसमें 60 हजार वोटर किसके साथ जाएंगे? यह भी बड़ा सवाल है। माना जा रहा है कि यही लोग हार-जीत में अहम भूमिका निभाएंगे। किसानों की नाराजगी दलाल पर भारी पड़ सकती है। वहीं, INLD-BSP और JJP-ASP उम्मीदवार जितने अधिक वोट लेंगे। उतना ही नुकसान कांग्रेस और बीजेपी को होगा। ये दोनों गठबंधन फाइट में तो नहीं दिख रहे। लेकिन समीकरण बिगाड़ सकते हैं। ऐसे में देखने वाली बात होगी कि मतदाता किस उम्मीदवार पर भरोसा जताते हैं?
बंसीलाल के दामाद जीत चुके चुनाव
इस सीट पर जाटों के 68796, ब्राह्मणों के 23814, वैश्य के 9261 और राजपूतों के 21168 वोट हैं। वहीं, गुर्जरों के 19845, अहीरों के 10584, सैनी समुदाय के 7938, एससी वर्ग के 29235 वोट हैं। लोहारू हरियाणा के दक्षिणी छोर पर भिवानी जिले की अहम सीट मानी जा रही है। भिवानी से इसकी दूरी लगभग 60 किलोमीटर है। लोहारू शहर का नाम लोहारों के नाम पर पड़ा है। बताया जाता है कि काफी समय पहले जयपुर राज्य के लिए वे यहां सिक्के बनाने का काम करते थे। इस सीट से पूर्व सीएम बंसीलाल के दामाद सोमबीर सिंह भी विधायक रहे हैं।