झारखंड के पूर्व महाधिवक्ता अजीत कुमार ने कहा कि सत्तारूढ़ झामुमो ने ऐसी स्थिति पैदा कर दी जिसकी वजह से राज्यपाल को इस मामले में निर्णय लेने के लिए विधिक राय की जरूरत पड़ गई। इसी वजह से नई सरकार के गठन के लिए बुलावा देने पर राजभवन की ओर से देर हुई। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री रहते हुए हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में विधायक दल की बैठक हुई थी।

Hemant Soren News: झारखंड में नई सरकार के गठन को लेकर राज्यपाल ने क्यों की देरी? सामने आई बड़ी वजह
झारखंड के पूर्व महाधिवक्ता अजीत कुमार ने कहा कि सत्तारूढ़ झामुमो ने ऐसी स्थिति पैदा कर दी जिसकी वजह से राज्यपाल को इस मामले में निर्णय लेने के लिए विधिक राय की जरूरत पड़ गई। इसी वजह से नई सरकार के गठन के लिए बुलावा देने पर राजभवन की ओर से देर हुई। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री रहते हुए हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में विधायक दल की बैठक हुई थी।
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड के पूर्व महाधिवक्ता अजीत कुमार ने कहा कि सत्तारूढ़ झामुमो ने ऐसी स्थिति पैदा कर दी है, जिसकी वजह से राज्यपाल को इस मामले में निर्णय लेने के लिए विधिक राय की जरूरत पड़ गई।
इसी वजह से नई सरकार के गठन के लिए बुलावा देने पर राजभवन की ओर से देर हुई। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री रहते हुए हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में विधायक दल की बैठक हुई थी।Stay
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क्या कहता है नियम
उन्हें हटाकर चंपई सोरेन को विधायक दल का नेता चुना गया। नियमानुसार विधायक दल के नेता को ही राज्यपाल मुख्यमंत्री नियुक्त करते हैं, जब हेमंत सोरेन विधायक दल के नेता नहीं तो उन्हें राज्यपाल को इस्तीफा सौंपने का कोई औचित्य नहीं है।
नियमानुसार, पहले सीएम इस्तीफा देते और उसके बाद विधायक दल की बैठक कर नया नेता चुना जाना चाहिए था, लेकिन सीएम के पद पर रहते हुए ही विधायक दल का नेता चुन लिया गया।