बेहमई कांड में 43 साल बाद आखिर फैसला आ गया है। अपर जिला जज (डकैती) ने श्याम बाबू केवट को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई जबकि दूसरे आरोपित विश्वनाथ को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया गया है। 43 साल पहले हुए इस जघन्य हत्याकांड में कब क्या हुआ और कोर्ट ने क्या फैसला दिया जानिए…

14 फरवरी 1981: बेहमई गांव में 26 लोगों को गांव के बाहर खड़ा कर गोलियों से भून दिया गया था, जिसमें 20 की जान चली गई थी।
बेहमई कांड में 43 साल बाद आखिर फैसला आ गया है। अपर जिला जज (डकैती) ने श्याम बाबू केवट को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई, जबकि दूसरे आरोपित विश्वनाथ को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया गया है। 43 साल पहले हुए इस जघन्य कांड में कब क्या हुआ,
14 फरवरी 1981: बेहमई गांव में 26 लोगों को गांव के बाहर खड़ा कर गोलियों से भून दिया गया था, जिसमें 20 की जान चली गई थी।
12 फरवरी 1983: दो वर्ष बाद मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह व 10 हजार लोगों की भीड़ के सामने फूलन, मान सिंह सहित 11-12 साथियों ने आत्मसमर्पण कर दिया था