इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने एक नया पोर्टल लॉन्च किया है। यह पोर्टल प्रक्रियाओं को सरल बनाना, बेहतर सर्विस और नागरिकों के लिए इसके इस्तेमाल को आसान बनाने के लिए चल रहे प्रयासों का एक हिस्सा है। इसके साथ ही सरकार द्वारा निजी कंपनियों को मोबाइल ऐप्स में आधार-आधारित फेस ऑथेंटिकेशन करने की पावर दी गई है। इससे पहले तक इसका इस्तेमाल केवल सरकारी विभाग ही कर सकते थे। जानिए इसमें क्या बदलाव हुए और इससे क्या फायदा होगा?
नया पोर्टल लॉन्च
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने आधार कार्ड की सेवा में अपडेट किया है। जिसके लिए swik.meity.gov.in नाम का एक नया पोर्टल लाया गया है। इस पोर्टल से सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाओं को आधार वेरिफिकेशन की सुविधा मिलेगी। साथ ही इस पोर्टल से जनता को बेहतर सुविधाएं मिल सकेंगी। इस पोर्टल से कोई भी पात्र संस्था आधार वेरिफिकेशन के लिए आवेदन कर मंजूरी ले सकती है।
क्या है नया बदलाव?
सरकार ने आधार अधिनियम में संशोधन किया है, जिसके बाद निजी कंपनियों को आधार ऑथेंटिकेशन की सुविधा दी जा रही है। यह सुविधा पहले सिर्फ सरकारी विभाग को ही मिलती थी। 31 जनवरी 2025 को किए गए संशोधन के बाद से हॉस्पिटैलिटी, हेल्थ, ई-कॉमर्स, एजुकेशन, क्रेडिट रेटिंग जैसी सेवाएं भी आधार वेरिफिकेशन के जरिए मिल जाएंगी।
बदलाव का क्या फायदा?
इस बदलाव से आधार यूजर्स को ई-केवाईसी, परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन और दूसरी सेवाओं के लिए बार-बार डॉक्यूमेंटेशन लाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसके जरिए कंपनियां खुद से ही कर्मचारियों की पहचान आसानी से कर सकती हैं। साफ तौर पर कहें, तो इसकी मंजूरी के बाद किसी भी समय और कहीं भी फेस वेरिफिकेशन के जरिए सभी सुविधाएं ली जा सकती हैं।