इंसान तो हर घर में पैदा होते हैं! बस इंसानियत कहीं कहीं जन्म लेती है! इंसानियत के धर्म के कायदे से ही एक व्यक्ति दुसरे से प्रेम करता हैं.
इंसान वही बेहतर है जो अपने में खुश रहता हो लेकिन वो नहीं जो सिर्फ अपने बारे में सोचता है।जब आप किसी गरीब इन्सान की किसी भी तरह से हेल्प करते है तब आप मानवता के हित के लिए काम कर रहे है जिससे पूरे समाज में एक अच्छा मेसेज जाता है भले ही आज हमारा विश्व तेजी से आगे बढ़ रहा हैं मगर हम अपना मानवीय धर्म मानवता को निरंतर पीछे छोड़े जा रहे हैं.