गांधी सारी दुनिया में हैं, कम-से-कम मूर्तियों के रूप में तो ज़रूर. दुनिया में तक़रीबन 70 देश ऐसे हैं जिनमें गांधीजी की प्रतिमा लगी है.
भारतीय सामाजिक-राजनीतिक जीवन में गांधी 1917 में प्रवेश करते हैं और फिर अनवरत कोई 31 सालों तक, अथक संघर्ष की वह जीवन-गाथा लिखते हैं.
लेकिन एक हिसाब और भी है जो हमें लगाना चाहिए, कितने देशों में गांधी-प्रतिमा को खंडित करने की वारदात हुई है? संख्या बड़ी है. गांधी के चंपारण में, मोतिहारी के चरखा पार्क में खड़ी गांधी की मूर्ति पिछले दिनों ही खंडित की गई है. ऐसे चंपारण दुनिया भर में हैं.
अमेरिका में ‘ब्लैकलाइफ़ मैटर्स’ के दौरान गांधी प्रतिमा को नुक़सान पहुँचाया गया था. ऐसी घटनाओं से नाराज़ या व्यथित होने की ज़रूरत नहीं है. फ़िक्र करनी है तो हम सबको अपनी फ़िक्र करनी चाहिए.