फरीदाबाद में पुलिस ने एक फर्जी आईपीएस अधिकारी को गिरफ्तार किया है। क्राइम ब्रांच की टीम को यह सफलता मिली है। आरोपी खुद को आईपीएस अधिकारी बताता था और चोरी की गाड़ियां मणिपुर तक पहुंचता था। क्राइम ब्रांच सेक्टर 30 की टीम ने वीरवार को आरोपी को बदरपुर बॉर्डर से गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान लिलोंग मणिपुर निवासी अबंग मेहव और कबीर अहमद के रूप में हुई है।
क्राइम ब्रांच की टीम ने बताया कि ऐसी साझेदार सक्रिय है जो कि दिल्ली-एनसीआर से गाड़ियां चोरी करते हैं और पूरी चैन सिस्टम के जरिये मणिपुर तक गाड़ियां भेज देते हैं। एक कार को पहुंचाने के लिए 10 से 15 हजार रुपये मिलते हैं। क्राइम ब्रांच ने खुलासा करते हुए बताया कि रास्ते में पड़ने वाले पुलिस नाकों से बचने के लिए आरोपी ने आईपीएस का कार्ड बनवाया हुआ था और खुद को आईपीएस अफसर बताकर निकल जाता था। पुलिस ने बताया कि अबंग मेहताब कार में आईपीएस की वर्दी पहनकर बैठता था।
आरोपित ने फोटो वर्दी की मदद से एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) के एसीपी का फर्जी पहचान पत्र भी बनवा रखा था। आइपीएस की वर्दी देखकर नाकों पर तैनात पुलिसकर्मी उन्हें सैल्यूट करते थे। अगर कहीं हस्तक्षेप होता है तो अब एनआईए का फर्जी पहचान पत्र दिखा रहा था। पहचान पत्र और आईपीएस की वर्दी क्राइम ब्रांच ने बरामद कर ली हैं,
एसीपी हेडक्वार्टर आदर्शदीप के मुताबिक कार प्राप्त करने व सौंपने का स्थान और एक कोडवर्ड आरोपितों को मोबाइल मैसेज के रूप में मिलता था। बताए गए स्थान पर पहुंचकर संबंधित व्यक्ति को कोडवर्ड बताते थे। चोरी की कारों का नंबर प्लेट बदलने व मॉडिफाई करने के बाद उन्हें सौंप दिया जाता था।
ये कारें मणिपुर में निर्धारित स्थान पर पहुंचाने के बाद उनका काम खत्म हो जाता था। कारों जहां से चोरी होती हैं, आगे कहां बेचती जाती हैं इसके बारे में जानकारी होने से उन्होंने इन्कार किया है। जांच टीम का कहना है कि आरोपितों से पूछताछ कर और जानकारी जुटाने का प्रयास किया जा रहा है।