झारखंड जमशेदपुर से खास रिपोर्ट (निशांत खातून महिला सेल अध्यक्ष) महिला सशक्तिकरण इसे आसान भाषा में कह सकते है कि महिलाओं को पुरषों के बराबरी में लाने के लिए महिला सशक्तिकरण करना जरुरी है। महिला सशक्तिकरण अर्थात “नारियों को अपने खुद के निर्णय लेने और उनकी सोच को बदलना ही महिला सशक्तिकरण कहलाता है”।
दोस्तों भारत एक पुरुष प्रधान देश है अर्थात देश की आधी शक्ति। महिला केवल घर में काम करने और घर सँभालने पर मजबूर किया जाता है वो सायद ये नही जानते है कि महिलाएं इस समाज की आधी शक्ति है और पुरुष और महिला दोनों साथ में कदम से कदम मिलाकर चले तो ये देश की पूरी शक्ति बन जायेगी। हमारे देश को विकासशील देश को विकसित कर देंगे।
शायद ये पुरषों को नही पता है कि महिलाएं कितनी शक्तिशाली है। भारत के सभी पुरुषों को ये समझना जरुरी है कि वो नारी के शक्ति को समझे और उनको आत्मनिर्भर बनाये और देश, और परिवार में अपनी शक्ति को दिखाने के लिए आगे बढ़ने दे।
बिना महिला सशक्तिकरण के हमारे देश और समाज में नारी को उसका असली स्थान नही मिल सकता है जिसकी वो हमेशा से हक़दार रही है। ये सदियों पुरानी परम्पराओं और दुष्टताओं को बिना महिला सशक्तिकरण के बिना महिलाये इसका सामना नही कर सकती है और ये वही पुरानी रीतियों और मूढ़ताओं में फंसी रहेंगी।