विदेश मंत्री एस जयशंकर के पीओके वाले बयान को लेकर जम्मू कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला ने गुरुवार को केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने जम्मू कश्मीर विधानसभा में बोलते हुए कहा कि पीओके को वापस लाने से किसने रोका है। जब कारगिल युद्ध में मौका मिला था तब पीओके को वापस क्यों नहीं लिया।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि विदेश मंत्री ने कहा है कि वे पाकिस्तान के नियंत्रण से कश्मीर का हिस्सा पीओके वापस लाएंगे। क्या हमने उन्हें कभी रोका? अगर आप (केंद्र सरकार) उसे वापस ला सकते हैं तो अभी लाएं। कश्मीर का एक हिस्सा पाकिस्तान के पास है तो दूसरा हिस्सा चीन के पास है, लेकिन कोई चीन के हिस्से के बारे में बात क्यों नहीं करता है?
पीओके लाने से किसने रोका है : सीएम
सीएम उमर अब्दुल्ला ने विधानसभा में कहा कि किसी भी सरकार में नाम नहीं बदला गया। महाराजा बहादुर सिंह की विरासत में सबसे बड़ी चीज रियासत थी, लेकिन आपने उस रियासत का क्या हाल किया है। महाराजा बहादुर सिंह ने विरासत में जम्मू कश्मीर का एक नक्शा दिया था। एक हिस्सा पाकिस्तान के पास है, उसे लेकर विदेश मंत्री ने आज कहा कि पीओके को वापस लेकर आएंगे। मुझे बताइये उन्हें किसने रोका? हमने कभी कहा कि मत लाओ। हम कहते हैं कि लाना है तो लाइये।
कारगिल युद्ध के दौरान सरकार क्या वापस लेकर आई : उमर अब्दुल्ला
उन्होंने आगे कहा कि जब कारगिल युद्ध हुआ तब केंद्र सरकार क्या वापस लेकर आई? मौका मिला था पीओके लाने का। पाकिस्तान ने हमला किया था। लाने का इतना शौक था तो उस वक्त लाते। अगर अब ला सकते हैं तो लेकर आइए। सीएम ने कहा कि जब पाकिस्तान का हिस्सा लाएंगे, तब चीन का भी हिस्सा लेकर आइएगा। महाराजा साहब ने जो नक्शा बनाया था, उसके भी आपने दो हिस्से किए। कश्मीर से लद्दाख को अलग किया। आप कहते हैं कि लद्दाख के लोग चाहते थे। पहले दिन से करगिल और लद्दाख की आबादी सरकार के इस फैसले से सहमत नहीं है।
लद्दाख के लोग भी सरकार के फैसले से सहमत नहीं हैं : मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आगे कहा कि 5 अगस्त को मिठाई बांटने वाले लोग आज कहते हैं कि हमारी हालत जम्मू कश्मीर के साथ ही ठीक थी। महाराजा साहब ने ये लॉ बनाया था कि हमारी जमीन और नौकरी हमारी ही रहेगी, लेकिन कहां गया वो कानून? जब आपने महाराजा साहब का नक्शा नहीं रखा, उनका कानून नहीं रखा तो उनका आपमान आपने किया या हमने किया।