मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद राज्यपाल अजय कुमार भल्ला एक्शन में नजर आ रहे हैं। अजय भल्ला ने गुरुवार को लोगों से लूटे गए अवैध हथियार और गोला बारूद को वापस करने की अपील की। राज्यपाल ने कहा है कि इन हथियारों को लौटाना मणिपुर में शांति स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।
गवर्नर ने 7 दिन का दिया अल्टीमेटम
राज्यपाल ने अपनी अपील में कहा कि मणिपुर के घाटी और पहाड़ी इलाकों में रहने वाले 20 महीनों से अधिक समय से भारी कठिनाई झेल रहे हैं। उन्होंने सभी समुदायों- विशेषकर घाटी और पहाड़ी के युवाओं से अपील की है कि वे स्वेच्छा से आगे आएं और लूटे गए और अवैध रूप से रखे गए हथियारों और गोला बारूद को अगले 7 दिनों के अंदर नजदीकी पुलिस स्टेशन, चौकी या सुरक्षाबलों के पास जमा कर दें। राज्यपाल ने 7 दिनों का जो समय दिया है उसकी शुरुआत 20 फरवरी से हो रही है यानी 26 फरवरी तक सभी को अपने हथियार सौंपने होंगे।
7 दिन के बाद होगी कार्रवाई
राज्यपाल की ओर से जारी किए गए आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि लोग अगर 7 दिन के अंदर हथियारों को लौटा देंगे तो उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी। साथ ही राज्यपाल ने सख्त लहजे में कहा है कि अगर 7 दिनों के अंदर हथियार और गोला बारूद को नहीं लौटाया जाता है तो सख्त एक्शन लिया जाएगा।
शांति के लिए यह एक बड़ा कदम
भल्ला ने कहा, ‘इन हथियारों को वापस करने का आपका यह कदम शांति स्थापिक करने की दिशा में एक बड़ा संकेत हो सकता है। मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि यदि ऐसे हथियार निर्धारित समय के भीतर वापस कर दिए जाते हैं तो कोई दंडात्मक कार्रवाई शुरू नहीं की जाएगी। इसके बाद, ऐसे हथियारों को रखने के लिए सख्त कार्रवाई की जाएगी।’ अजय कुमार भल्ला ने यह भी कहा कि सरकार राज्य में शांतिपूर्ण समाधान सुनिश्चित करने और युवाओं के भविष्य की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, ‘आइए हम सब मिलकर एक उज्जवल भविष्य के लिए आशा और विश्वास के साथ अपने राज्य का पुनर्निर्माण करें। आगे आएं और शांति का चुनाव करें।’
13 फरवरी से लागू है राष्ट्रपति शासन
राज्यपाल ने यह कदम केंद्र द्वारा संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने और मुख्यमंत्री के इस्तीफे के बाद राज्य विधानसभा को निलंबित किए जाने के एक सप्ताह बाद उठाया है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह और उनकी मंत्रिपरिषद ने 9 फरवरी को इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद मणिपुर में पैदा हुई राजनीतिक अनिश्चितता की स्थिति के बीच केंद्र ने इस राज्य में 13 फरवरी को राष्ट्रपति शासन लगा दिया था। केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से जारी अधिसूचना के मुताबिक, मणिपुर विधानसभा का कार्यकाल 2027 तक था, लेकिन विधानसभा को निलंबित कर दिया गया है। बता दें कि म्यांमार के साथ ओपन बॉर्डर साझा करने वाले इस राज्य में पिछले करीब दो वर्षों से मैतेई और कुकी समुदाय के बीच जातीय संघर्ष चल रहा है।