तिरुमाला मंदिर में सुरक्षा चूक को लेकर एक बार फिर विवाद खड़ा हो गया है। मंदिर के अंदर अंडा बिरयानी खाते भक्त पकड़े गए हैं, इसके बाद जमकर बवाल हो रहा है। विपक्षी दलों ने इसको लेकर तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) की आलोचना की है। अलीपीरी चेकपॉइंट पर सुरक्षा चूक को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, तमिलनाडु से आए श्रद्धालुओं के एक समूह को तिरुमाला में अंडा बिरयानी खाते हुए पकड़ा गया और इसकी सूचना तिरुमाला पुलिस को दी गई। पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और श्रद्धालुओं से पूछताछ की और उन्हें बताया कि यह कानून के खिलाफ है। जब तिरुमाला पुलिस ने श्रद्धालुओं को बताया कि तिरुमाला में अंडे और अन्य मांसाहारी खाने पर रोक है। इस पर श्रद्धालुओं ने कहा कि उन्हें इसके बारे में जानकारी नहीं थी। तिरुमाला पुलिस ने उन्हें कड़ी चेतावनी दी और फिर उन्हें छोड़ दिया। टीटीडी के पूर्व अध्यक्ष भुमना करुणाकर रेड्डी ने सुरक्षा उल्लंघन के लिए टीटीडी प्रशासन की आलोचना की, जिसके कारण ये घटना हुई।
भुमना करुणाकर रेड्डी ने कहा, “यह घटना स्पष्ट रूप से टीटीडी सुरक्षा व्यवस्था में खामियों को उजागर करती है क्योंकि तमिलनाडु के भक्त अलीपीरी चेकपॉइंट पर अनिवार्य सुरक्षा जांच से गुजरने के बाद आसानी से अंडे बिरयानी के पैकेट लेकर तिरुमाला पहुंचने में कामयाब रहे।”
वहीं तिरुपति के सांसद डॉ एम गुरुमूर्ति ने भी इस घटना पर चिंता व्यक्त की और मंदिर की व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की ईमानदारी पर सवाल उठाया है। तिरुपति सांसद ने आरोप लगाया, “8 जनवरी को तिरुपति ट्रस्ट के इतिहास में सबसे भयानक भगदड़ की घटना हुई थी, जिसमें छह तीर्थयात्रियों की मौत हो गई थी और 50 से अधिक लोग घायल हो गए थे। इसके बाद राज्य सरकार ने एक्शन लेते हुए टीटीडी के मुख्य सतर्कता और सुरक्षा अधिकारी और तिरुपति एसपी का तबादला कर दिया लेकिन दोनों पदों पर अभी तक नियुक्ति नहीं हो पाई है।
बता दें कि तिरुमाला में शराब, मांसाहारी भोजन, धूम्रपान और तंबाकू चबाने पर सख्त प्रतिबंध है। यह नियम कई दशकों से प्रचलन में है, लेकिन शुक्रवार को तिरुमाला पहुंचे तमिलनाडु के श्रद्धालुओं का समूह को रामबगीचा बस स्टैंड के पास अंडा बिरयानी लेकर कैसे पहुंचा, ये जांच का विषय है।