कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी (BJP) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि हर 2-3 दिन में मोहन भागवत देश को यह बताने की हिम्मत दिखाते हैं कि वे स्वतंत्रता आंदोलन और संविधान के बारे में क्या सोचते हैं। उन्होंने कल जो बयान दिया, वह देशद्रोह है, क्योंकि इसमें कहा गया है कि संविधान अमान्य है, अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई अमान्य थी। अगर किसी और देश में यह बयान दिया होता तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाता और उन पर मुकदमा चलाया जाता।
राहुल गांधी ने मोहन भागवत को लेकर कहा कि उनका यह कहना कि भारत को 1947 में आजादी नहीं मिली, हर एक भारतीय का अपमान है। अब समय आ गया है कि उनकी बातों को सुनना बंद दें, क्योंकि ये लोग सोचते हैं कि वे बस रटते रहेंगे और चिल्लाते रहेंगे। उन्होंने कहा कि मोहन भागवत ने संविधान पर हमला किया, जब उन्होंने कहा कि संविधान स्वतंत्रता का प्रतीक नहीं है, लेकिन उसके बाद भी पंजाब, कश्मीर, पूर्वोत्तर में उनके हजारों कार्यकर्ता मारे गए। देश में दो विचाराधारा है- एक उनका यानी संविधान का विचार और दूसरा आरएसएस का विचार है।
तिरंगे को नहीं मानते हैं ये लोग : राहुल गांधी
लोकसभा में विपक्ष के नेता ने बीजेपी को लेकर कहा कि आज जो लोग सत्ता में हैं, वे तिरंगे को सलाम नहीं करते, राष्ट्रीय ध्वज को नहीं मानते, संविधान को नहीं मानते और भारत के बारे में उनका नजरिया बिल्कुल अलग है। वे चाहते हैं कि भारत को शेडी, हिडन और सीक्रेट सोसायटी द्वारा चलाया जाए। वे चाहते हैं कि भारत को एक आदमी द्वारा चलाया जाए और वे इस देश की आवाज को कुचलना चाहते हैं। वे दलितों, अल्पसंख्यकों, पिछड़ी जातियों और आदिवासियों की आवाज को कुचलना चाहते हैं। यह उनका एजेंडा है। इस देश में कोई भी दूसरी पार्टी नहीं है जो उन्हें रोक सके। उन्हें रोकने वाली एकमात्र पार्टी कांग्रेस है। इसका कारण यह है कि कांग्रेस एक वैचारिक पार्टी है। उनकी विचारधारा आरएसएस की विचारधारा की तरह हजारों साल पुरानी है और यह हजारों सालों से आरएसएस की विचारधारा से लड़ रही है।
BJP-RSS ने देश की संस्थाओं पर कब्जा कर लिया : कांग्रेस सांसद
रायबरेली से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने आगे कहा कि भाजपा और आरएसएस ने उनके देश की हर संस्था पर कब्जा कर लिया है। अब वे भाजपा, आरएसएस और इंडियन स्टेट से लड़ रहे हैं। राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि देश संस्थाएं काम कर रही हैं या नहीं, लेकिन यह बिल्कुल स्पष्ट है कि मीडिया क्या कर रहा है। आपको बता दें कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि यूपी के अयोध्या में प्रतिष्ठा द्वादशी के रूप में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तिथि मनाई जानी चाहिए, क्योंकि इसी दिन देश को असली आजादी हासिल हुई।