महाराष्ट्र और हरियाणा में विधानसभा चुनाव हारने के बाद कांग्रेस ने ईवीएम का मुद्दा उठाया। पार्टी अब ईवीएम से नहीं बैलेट पेपर से चुनाव कराने की डिमांड कर रही है। इस मामले में इंडिया गठबंधन के घटक दलों की राय अलग-अलग है। फारूक अब्दुल्ला की पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस के बाद अब ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने इस मुद्दे से किनारा कर लिया। ऐसे में बड़ा सवाल उठ रहा है कि क्या इंडिया गठबंधन में दो फाड़ हो रहा है?
टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने सोमवार को कांग्रेस के ईवीएम आरोपों पर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि अगर ईवीएम पर सवाल उठाने वालों के पास कुछ है तो उन्हें चुनाव आयोग को डेमो दिखाना चाहिए। अगर ईवीएम रेंडमाइजेशन के समय, मॉक पोल और काउंटिंग के दौरान बूथ चेकिंग करने वाले लोगों ने सही तरीके से काम किया है तो उन्हें नहीं लगता है कि इस आरोप में कोई दम है।
जानें क्या बोले अभिषेक बनर्जी?
टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी ने आगे कहा कि इसके बाद भी अगर किसी को लगता है कि ईवीएम हैक हो सकती है तो उन्हें चुनाव आयोग से मिलना चाहिए और दिखाना चाहिए कि ईवीएम को कैसे हैक किया जा सकता है। सिर्फ बयानबाजी से कुछ नहीं हो सकता है। इससे पहले जम्मू कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा था कि अगर किसी को ईवीएम से दिक्कत या परेशानी है तो उसे लेकर हमेशा एक जैसा रुख होना चाहिए। अगर मतदान तंत्र पर विश्वास नहीं है तो इलेक्शन नहीं लड़ना चाहिए।
कांग्रेस-सपा ने उठाया था ईवीएम मुद्दा
ईवीएम मुद्दे पर इंडिया गठबंधन के घटक दलों के बीच एकमत नहीं है। जहां कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने ईवीएम से चुनाव नहीं कराने की मांग की तो वहीं टीएमसी और एनसी ने स्पष्ट कर दिया कि यह कोई मुद्दा ही नहीं है। वहीं, भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी के बयान पर कहा कि उमर अब्दुल्ला और टीएमसी के अभिषेक बनर्जी ने कांग्रेस और समाजवादी पार्टी द्वारा ईवीएम पर कही गई बातों को चुनौती दी है। चुनाव आयोग ने इस पर कई बार राजनीतिक दलों को बुलाया है। यह स्पष्ट है कि कांग्रेस, समाजवादी पार्टी या डीएमके को माफी मांगनी चाहिए।