राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ और विपक्षी दलों के नेताओं के बीच टकराव चरम पर पहुंच गया है। विपक्ष ने धनखड़ को उनके कार्यकाल से हटाने के लिए अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया है। इस पर केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि इसकी सभी को निंदा करनी चाहिए। उन्होंने कभी भी आसन का सम्मान नहीं किया। वहीं, सभापति ने हंगामे के चलते 12 दिसंबर तक के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी।
सोरोस और कांग्रेस का क्या संबंध है?
जेपी नड्डा ने आगे कहा, ‘पिछले दो दिनों से हमारे लोग इस बात को उठा रहे हैं कि सोरोस और कांग्रेस का क्या संबंध है? या सोरोस और सोनिया गांधी का क्या संबंध है? देश के आंतरिक और बाहर का सवाल है। यह हमारे देश की संभुप्रता पर भी प्रश्नवाचक चिह्न हैं। दोनों के बीच के संबंधों पर बात होनी चाहिए। हम आम लोगों के लिए प्रतिबद्ध हैं। मैं इस विषय को दो दिन से रख रहा हूं। हमारे लोग भी इस बात के लिए सहमत है कि इस पर बात होनी चाहिए।’
‘मुद्दे को भटकाने के लिए बहुत कोशिश कर रहे हैं’
उन्होंने आगे कहा, ‘मुद्दे को भटकाने के लिए बहुत कोशिश कर रहे हैं। इसलिए ही यह सभापति के प्रति अविश्वास प्रस्ताव लाने का प्रयास कर रहे हैं।सभापीठ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाना देश की संप्रभुता के मुद्दे से राष्ट्र का ध्यान हटाने की योजना है। इसकी सभी को भर्त्सना करनी चाहिए। उन्होंने कभी भी सभापीठ का सम्मान नहीं किया।’
देश कभी माफ नहीं करने वाला: जेपी नड्डा
उन्होंने यह भी कहा कि देश की संभुप्रता पर, देश की आंतरिक और बाहरी पर जो खतरा है और जिसमें कांग्रेस पार्टी का योगदान है। यह औजार बन करके साथ दे रहे हैं। इस पर चर्चा होनी चाहिए। हमारे आसन पर जो आरोप लगाया है वो भर्त्सना योग्य है। इसकी आलोचना होनी चाहिए। इन्होंने सदन के अंदर और बाहर दोनों ही जगह आसन का अपमान किया है। देश इन्हें कभी माफ नहीं करने वाला।