दिल्ली में बढ़ रहे प्रदूषण को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में 18 नवंबर को सुनवाई होगी। वरिष्ठ अधिवक्ता और न्याय मित्र अपराजिता सिंह की ओर से दायर याचिका पर गौर करते हुए न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया। याचिका में वरिष्ठ अधिवक्ता अपराजिता सिंह ने पीठ से कहा कि कल से लोग गंभीर स्थिति में हैं। इससे बचने के लिए अदालत ने सरकार और वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को एहतियाती कदम उठाने को कहा है। उन्होंने कुछ नहीं किया। उन्होंने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) को इस बारे में सूचित कर दिया है और उन्हें यह बताना चाहिए कि क्या कदम उठाए जा रहे हैं?
दिल्ली समेत एनसीआर में एक्यूआई खतरनाक स्तर पर
प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ने के कारण राजधानी में धुंध की चादर छाई हुई है। सीरीफोर्ट इलाके में एक्यूआई 438 दर्ज किया गया है, जिसे सीपीसीबी के मुताबिक ‘गंभीर’ श्रेणी में रखा गया है। आनंद विहार में एक्यूआई 472 दर्ज हुआ है। विशेषज्ञ बताते हैं कि जिस तरह से उत्तर भारत में पराली जलाने के मामले दिख रहे हैं, उसके हिसाब से फिलवक्त इसमें बड़े पैमाने पर कमी आने का अंदेशा नहीं है। राजधानी के कई हिस्सों में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गई है, जिससे अक्षरधाम मंदिर और आस-पास के इलाकों में धुंध की मोटी परत छा गई है।
11 नवंबर को दिल्ली पुलिस को लगाई थी फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों पर प्रतिबंध के उसके आदेश को गंभीरता से न लेने पर 11 नवंबर को दिल्ली पुलिस को कड़ी फटकार लगाई थी। कोर्ट ने कहा था कि ऐसा माना जाता है कि कोई भी धर्म किसी भी ऐसी गतिविधि को बढ़ावा नहीं देता, जो प्रदूषण को बढ़ाती है या लोगों की सेहत को नुकसान पहुंचाती है।’ जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की सदस्यता वाली पीठ ने कहा कि अगर पटाखे इसी तरह से फोड़े जाते रहे तो इससे नागरिकों का सेहत का मौलिक अधिकार प्रभावित होगा।
सुप्रीम कोर्ट कैंटीन में लंगर, चीफ जस्टिस संजीव खन्ना समेत कई जज हुए शामिल
सुप्रीम कोर्ट चीफ जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, न्यायमूर्ति सूर्यकांत सहित अन्य न्यायाधीशों ने आज सुप्रीम कोर्ट कैंटीन में वकीलों की तरफ से आयोजित लंगर में भाग लिया।
अरुणाचल के मुख्यमंत्री के परिवार को ठेका दिए जाने की जांच वाली याचिका पर सुनवाई टली
सुप्रीम कोर्ट ने अरुणाचल के सीएम पेमा खांडू के परिवार के सदस्यों के स्वामित्व वाली कंपनियों को सार्वजनिक कार्यों के ठेके देने की सीबीआई या एसआईटी जांच की मांग को लेकर सुनवाई फरवरी के दूसरे सप्ताह तक टाल दी है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की पीठ से दो याचिकाकर्ता गैर सरकारी संगठनों सेव मोन रीजन फेडरेशन और वॉलंटरी अरुणाचल सेना की ओर से पेश वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि राज्य में सभी सरकारी ठेके करीबी परिवार के सदस्यों को दिए जा रहे हैं। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि उन्होंने प्रतिवादियों राज्य सरकार और केंद्र की ओर से दायर जवाब को नहीं देखा है। इस पर दो फरवरी 2025 से शुरू होने वाले सप्ताह में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाता है। इस पर भूषण ने कहा कि मामले में जल्द सुनवाई करें। क्योंकि राज्य को एक लिमिटेड कंपनी की तरह चलाया जा रहा है। पीठ ने कहा कि हम देखेंगे कि इस पर कब बहस होगी। मामले में पेमा खांडू के पिता दोरजी खांडू की दूसरी पत्नी रिनचिन ड्रेमा और उनके भतीजे त्सेरिंग ताशी को पक्षकार बनाया गया है। दोरजी खांडू की 2011 में मुख्यमंत्री रहते हुए एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई थी। याचिका में दावा किया गया कि हितों का स्पष्ट टकराव होने के बावजूद रिनचिन ड्रेमा की कंपनी ब्रांड ईगल्स को बड़ी संख्या में सरकारी ठेके दिए गए हैं।