जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024 के परिणाम अब धीरे-धीरे साफ होने लगे हैं। रुझानों में नेशनल काॅन्फ्रेंस और कांग्रेस की सरकार बनती नजर आ रही है। वहीं एनसी और कांग्रेस का गठबंधन 47 सीटों पर आगे चल रहा है। वहीं दूसरी ओर बीजेपी भी 29 सीटों पर आगे चल रही है और 11 सीटें जीत चुकी है। चुनाव नतीजों में कई बड़े उलटफेर भी हुए हैं। जम्मू-कश्मीर बीजेपी के अध्यक्ष और पूर्व विधायक रविंद्र रैना नौशेरा सीट से चुनाव हार गए हैं। उन्हें नेशनल काॅन्फ्रेंस के सुरिंदर चौधरी ने 7 हजार 819 वोटों से हरा दिया। ऐसे में अब सवाल यह उठ रहे हैं कि बीजेपी का सबसे बड़ा हिंदूत्ववादी चेहरा और लोकप्रिय होने के बाद बावजूद भी वे चुनाव क्यों हार गए?
जम्मू की राजौरी जिले की इस सीट पर हिंदू, मुस्लिम और सिख वोटर्स हैं। ये जिला पाकिस्तान की सीमा से सटा है। ऐसे में यहां बीजेपी के रविंद्र रैना की कड़ी पकड़ मानी जाती है। लेकिन उनका चुनाव हारना बीजेपी को बड़ा झटका देने वाला है। चुनाव से पहले हुए सर्वे में वे उमर अब्दुल्ला के बाद दूसरे सबसे लोकप्रिय चेहरा थे।
रैना के वादे ज्यादा, काम कम
माना जा रहा है कि उन्हें स्थानीय आजीविका पर ध्यान ना देना, विस्थापन समेत कई मुद्दों पर वोटर्स से नाराजगी का सामना करना पड़ा। इसके अलावा रैना वादे तो बहुत करते हैं लेकिन काम कम करते हैं। उनकी ऐसी छवि भी स्थानीय लोगों के मन में बन गई थी। क्षेत्र में सक्रियता का अभाव और नौशेरा विधानसभा में विकास कार्य न करवा पाना उनकी हार की बड़ी वजह में एक है। हालांकि रविंद्र रैना हिंदूवादी नेता के तौर पर जाने जाते हैं वे समय-समय पर भारतीय सेना को भी सक्रिय समर्थन करते देखे जाते हैं।
हिंदू वोट बैंक का बंटवारा
इस सीट से नेशनल काॅन्फ्रेंस के सुरिंदर शर्मा के अलावा निर्दलीय उम्मीदवार शिव देव शर्मा, बीएसपी के मनोहर सिंह और पीडीपी के हक नवाज भी मैदान में थे। माना जा रहा है कि इस सीट पर हिंदू वोटर्स का बंटवारा होने से बीजेपी को नुकसान हुआ। वे चुनाव हार गए।