हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के मुख्य प्रचारक और चेहरा माने जाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा एक-एक सीट के गुणा-गणित पर खुद नजर रख रहे हैं। भाजपा की कमजोरियों और कांग्रेस के वादों को मतदाताओं तक पहुंचाने का उनका अपना अंदाज है। चुनाव प्रचार की व्यस्तता के बीच उन्होंने रोहतक आवास पर अमर उजाला के साथ लंबी बातचीत में उन्होंने सीएम पद के दावेदारों व गठबंधन की सियासत के अलावा युवा पीढ़ी को भविष्य में कमान देने, नौकरियां देने में पारदर्शिता और पर्ची-खर्ची के आरोप पर अपनी बेबाक राय रखी। प्रस्तुत हैं इस साक्षात्कार के मुख्य अंश…
दस साल के बाद लोग क्यों कांग्रेस को चुनें? दोबारा क्यों कांग्रेस की सरकार बने?
005 से 2014 तक कांग्रेस की जो सरकार थी और 2014 से 2024 तक बीजेपी-जेजेपी की जो सरकार रही, लोगों ने दोनों को तौल कर देख लिया। 2014 में जब हमने सरकार छोड़ी, तब हरियाणा प्रति व्यक्ति आय में, प्रति व्यक्ति निवेश में, कानून-व्यवस्था में, नौकरी देने में और खेल-खिलाड़ी में नंबर एक था। अब 2024 में बेरोजगारी में हरियाणा नंबर एक है। यह मेरे आंकड़े नहीं हैं, प्लानिंग कमीशन व सीएमआई के आंकड़े हैं। कानून-व्यवस्था की यह स्थिति है कि भारत सरकार के सोशल- प्रोग्रेस इंडेक्स में हरियाणा को असुरक्षित राज्य बताया गया है। फिरौतियां मांगी जा रही हैं, डाके पड़ रहे हैं।
नौकरियां देने में हमने ठेका सिस्टम खत्म किया था, लेकिन यह सरकार खुद ठेकेदार बन गई है। हरियाणा कौशल रोजगार निगम के तहत जो नौकरियां दी हैं उनमें न तो मेरिट है, न आरक्षण है, न पक्की हैं और न सिस्टम है। जिस काम के लिए नियमित कर्मचारी को 40 हजार रुपये मिलते हैं, उसके लिए 12 हजार रुपये प्रति महीना दिया जा रहा है। युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ हो रहा है, वह भी खुली बोली से, भ्रष्ट तरीके से। हमारी जिन पहलवान बेटियों ने दुनिया में देश का नाम रोशन किया, उनको अब तक न्याय नहीं मिला। कोर्ट कचहरी के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। बृजभूषण शरण सिंह पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। विनेश को गोल्ड मेडल मिलना चाहिए था। मैं खिलाड़ी रहा हूं। सौ ग्राम वजन कुछ भी नहीं होता। उसको सही गाइड नहीं किया गया। उसे न्याय नहीं मिला। मसले को सही ढंग से उठाया नहीं गया।
कहा जा रहा है कि 90 में 72 टिकट आपने अपने लोगों को दिलवाए हैं। उनकी जीत से आपका लक्ष्य पक्का हो जाएगा।
यह सब आप लोग कह रहे हैं यानी मीडिया की कहानी है। काफी एक्सरसाइज के बाद टिकट दिए गए हैं। पूरी स्क्रूटनी कमेटी बैठती है। स्क्रीनिंग के बाद टिकट मिले हैं। सभी पार्टी के प्रत्याशी होते हैं, किसी व्यक्ति के नहीं। हम सभी उम्मीदवारों की जीत के लिए प्रयास कर रहे हैं।
इस बार कांग्रेस के 17 प्रत्याशी बागी उतरे हैं। इससे कितना नुकसान हो रहा है और क्या उन्हें मनाने की कोशिश नहीं की गई?
बहुत सारे खड़े थे कई बैठ गए। कुछ खड़े हैं। भाजपा के तो 25 बागी खड़े हैं। हमारे यहां 2500 आवेदन थे। इनमें कितने पुराने कांग्रेसी थे, कितने नए, यह छोड़ दीजिए। टिकट का बंटवारा इन 2500 की स्क्रूटनी करके किया गया है। सबको तो टिकट नहीं मिल सकता। सिटिंग एमएलए को टिकट देना था। इसके बाद जीतने की संभावना और उनके टिके रहने की संभावना को परखा गया। कमेटी ने टिकट फाइनल किया। कुछ नाराजगी थी, लेकिन ज्यादातर को मना लिया है।
सूची जारी करने में इतनी देर की क्या वजह रही, सामंजस्य की कमी थी या बगावत का डर?
नहीं, नहीं… ऐसा नहीं है। भाजपा के जैसी बगावत वाली बात नहीं थी। 2500 आवेदन थे। सिटिंग विधायकों ने तो आवेदन नहीं किया था, यह उनके अलावा थे। इसलिए सिटिंग विधायकों को सबसे पहले टिकट दे दिया गया। इन 2500 में से स्क्रीनिंग कमेटी को सर्वे के आधार, जीत की संभावना वालों को तलाशने में थोड़ा वक्त लगा। इसके अलावा भी बहुत सी चीज देखनी होती हैं। बस जीत का दम देखा गया।
विनेश के कांग्रेस में आने से फायदा होगा?
खिलाड़ियों के मामले में ऐसा नहीं देखा जाता। पेरिस ओलिंपिक के दौरान मैंने उसका स्टेटमेंट देखा, बहुत मायूस थी। उसने कहा- मैं कुश्ती नहीं करूंगी। उसी समय मैंने यह बयान दिया और भाजपा से भी आग्रह किया कि इनको राज्यसभा में भेज दो। इससे हमारे खिलाड़ियों को प्रेरणा मिलेगी, लेकिन इन्होंने ऐसा नहीं किया। हमारे पास पर्याप्त विधायक नहीं थे, नहीं तो हम भेज देते राज्यसभा। विनेश वहां से आईं तो मुझसे मिलीं। फिर बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट राहुल जी से मिले। इसके बाद कांग्रेस में शामिल हुए। फिर उन्होंने रिक्वेस्ट की…और उन्हें टिकट दिया गया। यह देखिए कि जनसंख्या के हिसाब से हरियाणा की आबादी देश की केवल दो फीसदी है पर जब खेल की बात आती है तो कॉमनवेल्थ में मिले 38 में से 22 मेडल हरियाणवियों के होते हैं। ओलंपिक में छह में से चार हमारे होते हैं। टिकट देने का मकसद सिर्फ यह है कि जो और खिलाड़ी हैं उनको प्रेरणा मिले कि अगर ज्यादती होगी तो हरियाणा तुम्हारे साथ खड़ा है। भाजपा ने योगेश्वर दत्त को टिकट दिया था, संदीप सिंह को दिया था, बबीता फोगाट को दिया था… तो विनेश को भी राज्यसभा भेज सकती थी। संदीप सिंह पर गंभीर आरोप थे, लेकिन मनोहरलाल ने विधानसभा में कहा कि इस्तीफा नहीं लूंगा, नहीं लूंगा, नहीं लूंगा।
कांग्रेस की 7 गारंटियों की बात चल रही है। भाजपा हिमाचल आदि का उदाहरण देकर कह रही है कैसे पूरी करेंगे इन गारंटियों को। हरियाणा पर 4.5 लाख करोड़ का कर्ज होने के बावजूद यह कितना संभव है?
भाजपा मध्य प्रदेश में कर सकती है तो हम हरियाणा में क्यों नहीं पूरी कर सकते हैं गारंटी। हरियाणा की अर्थव्यवस्था तो वहां से कहीं मजबूत है। हालांकि भाजपा ने दस साल में अर्थव्यवस्था को काफी कमजोर किया है। इसके बावजूद सातों गारंटी लागू करना संभव है। हम करेंगे। देखिए… 2005 में हमारी सरकार बनते ही हमने 1600 करोड़ रुपये बिजली के माफ किए, जबकि 2200 करोड़ का तो प्लान्ड बजट था। लोग पूछते थे कि भई यह कैसे होगा। हुआ न। किसान का कर्ज माफ हुआ न। अनुसूचित जाति व बैकवर्ड क्लास का कर्ज माफ किया। इन वर्गों के बच्चों को पहली से लेकर छात्रवृत्ति दी…।
कांग्रेस में युवा पीढ़ी का नेतृत्व कब तक दिखेगा? क्या युवा पीढ़ी में चौधर रोहतक के पास रहेगी?
प्रक्रिया चलती रहती है। हम भी कभी युवा थे। युवाओं को हमने मौका दिया है। रोहतक नहीं, पूरे हरियाणा की बात करनी चाहिए। युवा आगे आ रहे हैं। युवाओं को टिकट दिए गए हैं।
सीधा सवाल यह कि क्या दीपेंद्र प्रदेश के नेतृत्व के लिए तैयार हो रहे हैं?
आप क्या चाहते हैं (हंसते हुए)… भूपेंद्र सिंह हुड्डा रिटायर हो जाएं। अरे जब समय आएगा तब देखा जाएगा। जो भाग्य में होगा…। अभी न मैं टायर्ड हूं और न रिटायर्ड। मेरे पिताजी ने 1978 में राजनीति से संन्यास लिया और मुझे पद मिला 1991 में। इसलिए भविष्य को लेकर अभी टिप्पणी उचित नहीं। वैसे भी हुड्डा सरकार नहीं, कांग्रेस सरकार की बात करनी चाहिए।
बेरोजगारी, कानून-व्यवस्था और भ्रष्टाचार। ये जो पोर्टल हैं, इनसे लोग परेशान हैं। ये भ्रष्टाचार की जड़ हैं। प्रॉपर्टी आईडी, मेरा फसल-मेरा ब्योरा जैसे पोर्टल से बहुत नुकसान हुआ है। इन्होंने खुद माना है कि इनमें 90 प्रतिशत गलतियां हैं। महंगाई भी मुद्दा है। आप समझ लीजिए कि प्रदेश की जनता त्रस्त है और कांग्रेस को सत्ता में लाने का मन बना चुकी है।
भ्रष्टाचार की बात कर रहे हैं तो आपके तीन उम्मीदवारों पर ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) और एक पर अन्य मामले हैं। इस पर क्या कहेंगे?
इनमें एक सुरेंद्र पंवार को लेकर तो कोर्ट का फैसला आपने देख लिया न। कहा है कि एफआईआर ही गलत है। ईडी का कोई लेना-देना ही नहीं है उसमें। उसी प्रकार से धर्म सिंह छौक्कर के मामले में भी है। चोरी या भ्रष्टाचार के मामले नहीं हैं। ये आरोपी हैं, दोषी नहीं। एफआईआर तो मुझ पर भी कर रखी है। मामला कोर्ट में है इसलिए मैं कुछ नहीं कहूंगा। न्याय प्रणाली पर पूरा विश्वास है। यह जरूर है कि राजनीतिक प्रतिशोध से कुछ नहीं होना चाहिए। मेरे संस्कार भी यह नहीं हैं।
कांग्रेस की 7 गारंटियों की बात चल रही है। भाजपा हिमाचल आदि का उदाहरण देकर कह रही है कैसे पूरी करेंगे इन गारंटियों को। हरियाणा पर 4.5 लाख करोड़ का कर्ज होने के बावजूद यह कितना संभव है?
भाजपा मध्य प्रदेश में कर सकती है तो हम हरियाणा में क्यों नहीं पूरी कर सकते हैं गारंटी। हरियाणा की अर्थव्यवस्था तो वहां से कहीं मजबूत है। हालांकि भाजपा ने दस साल में अर्थव्यवस्था को काफी कमजोर किया है। इसके बावजूद सातों गारंटी लागू करना संभव है। हम करेंगे। देखिए… 2005 में हमारी सरकार बनते ही हमने 1600 करोड़ रुपये बिजली के माफ किए, जबकि 2200 करोड़ का तो प्लान्ड बजट था। लोग पूछते थे कि भई यह कैसे होगा। हुआ न। किसान का कर्ज माफ हुआ न। अनुसूचित जाति व बैकवर्ड क्लास का कर्ज माफ किया। इन वर्गों के बच्चों को पहली से लेकर छात्रवृत्ति दी…।
दो लाख पक्की नौकरियों पर…(सवाल बीच में रोकते हुए)
भाजपा वाले खुद अपनी बातों में उलझ गए। जब हमने कहा कि दो लाख पक्की नौकरियां देंगे, तो इन्होंने भी अपने मेनीफेस्टो में वादा किया कि दो लाख नौकरियां देंगे। तो उन्होंने यह मान लिया कि प्रदेश में दो लाख स्वीकृत पोस्टें खाली हैं। यह इस सरकार की असफलता को दर्शाता है। क्यों खिलवाड़ किया गया युवाओं से? भाजपा ये भर्ती इसलिए नहीं कर रही थी क्योंकि पार्टी ने नौकरियों में एससी-बीसी का आरक्षण खत्म करने का यह रास्ता ढूंढा था। आज यह शेडयूल कास्ट की बात कर रहे हैं। हमारा वादा है कि 2 लाख नौकरी आरक्षण के साथ देंगे।
कांग्रेस के कुछ उम्मीदवारों के वीडियो हैं जिनमें वह नौकरियां देने का वादा कर रहे हैं। भाजपा कह रही है नौकरी पर्ची-खर्ची पर मिलेगी क्या? मेरिट के आधार पर नहीं ?
जिस दिन ही किसी उम्मीदवार का ऐसा बयान आया था, उसी दिन मैंने भी कह दिया था कि यह उसका अपना विचार है, कांग्रेस का नहीं। हमने पहले भी मेरिट पर नौकरियां दीं और फिर मेरिट ही आधार रहेगा। उल्टा चोर कोतवाल को डांटे वाली बात है। ये (भाजपा वाले) हम पर पर्ची खर्ची का आरोप लगाते हैं। एचसीएससी के दफ्तर में इनके समय में करोड़ो रुपये पकड़े गए। एचएसएससी का चेयरमैन इनका सस्पेंड हुआ, कौशल रोजगार निगम के एमडी इनके पकड़े गए…मतलब इन्होंने नौकरियां बेची हैं। हमारे यहां 10 साल में कोई शिकायत नहीं हुई।
ओपीएस क्या आते ही लागू करेंगे ?
बिल्कुल करेंगे। यह सब कुछ एकदम नहीं होता, लेकिन हम करेंगे जरूर। भाजपा वाले कहते हैं कि हम कैसे करेंगे और फिर वे अपने मेनिफेस्टो में शामिल कर लेते हैं। वह तो पलटने में माहिर हैं। हमारे घोषणापत्र की बातें भाजपा ने कॉपी कर लीं। इनको ख्याल होता तो दस साल इनकी सरकार थी, तब महिलाओं को नहीं देखा, शेड्यूल कास्ट को नहीं देखा।
अब प्रचार के पांच दिन बचे हैं। किस बात पर जोर रहेगा कि माहौल पक्ष में हो जाए? क्या चुनौती है?
हम पूरा जोर लगा रहे हैं। सभी दल लगाते हैं। लोग फैसला कर चुके हैं, 36 बिरादरी फैसला कर चुकी है कि अबकी बार कांग्रेस सरकार।
अबकी बार हुड्डा सरकार?
…कांग्रेस की सरकार