*हुसैनगंज फतेहपुर*
*INDIAN NEWS 20 UPDATE,*
*गैर प्रांतों से आने वाले श्रमिक नहीं जा रहे हैं कोरेंटीन सेंटर, जबरन घुस रहे हैं गांव में,*
*प्रवासी श्रमिकों के घर में रहने से ग्रामीणों में बढ़ रही है दहशत, गांव के जिम्मेदारबाहर से आने वाले श्रमिकों की नहीं दे रहे हैं अधिकारियों को सूचना, कर रहे है वोटों की राजनीत,*
*हुसैनगंज,* कोरोना वायरस महामारी के चलते जहां देश संकट से गुजर रहा है, वही देश के विभिन्न प्रांतों में काम करने वाले श्रमिक काफी संख्या में पलायन कर गांव की ओर आ रहे हैं, इससे और ज्यादा महामारी बढ़ने की आशंका दिखाई दे रही है। ज्यादातर श्रमिक महाराष्ट्र,मुम्बई गुजरात, दिल्ली व अन्य प्रांतो से पलायन कर गांव आ रहे हैं। गांव में इन श्रमिकों के रुकने के लिए स्कूलों में कोरेंटिन सेंटर बनाए गए हैं, बाहर से आने वाले श्रमिकों के लिए यही रुकने की सारी व्यवस्था भी जिला प्रशासन ने की है। लेकिन हुसैनगंज इलाके में ऐसा नहीं दिखाई दे रहा है, लोग कोरेंटिन सेंटर ना जाकर सीधे अपने अपने घरों में घुस रहे हैं।जिससे क्षेत्र के लोग बड़ी दहशत में हैं। गांव के कुछ जिम्मेदार लोग वोट की राजनीति कर रहे हैं। इन जिम्मेदारों का कहना है की हमें गांव में किसी से भलाई बुराई नहीं लेनी, यह इसलिए कहा जा रहा है किआगे आने वाले ग्राम प्रधान के चुनाव भी लोगों को दिख रहा हैं, इसी लिए भिटौरा ब्लॉक क्षेत्र के कुछ प्रधान जिला प्रशासन का सहयोग नहीं कर रहे हैं, वह कोरोना जैसी महामारी को नजर अंदाज कर अपनी वोट की राजनीति कर रहे हैं।जबकि प्रशासन बार-बार गांव के प्रधानों व आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को गांव में आने वाले श्रमिकों की सूची देने के लिए निर्देश दिए गए हैं। अभी 2 दिन पूर्व भिटौरा के दूजी देवी इंटर कॉलेज में सदर विधायक विक्रम सिंह ने आंगनवाड़ी महिलाओं व मिठौरा ब्लाक के प्रधानों के संग बैठक की थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि कोरोना वायरस महामारी से बचने के लिए सभी लोगों को सजग रहना है, यह आप लोगों की जिम्मेदारी है कि गांव में आने वाले श्रमिकों को बाहर क्वॉरेंटाइन सेंटर में 14 दिन ठहराया जाए।जिससे इस महामारी से बचा जा सके, लेकिन हुसैनगंज क्षेत्र में ऐसा नहीं हो रहा है। अभी हाल ही में हुसैनगंज कस्बे में काफी संख्या में लोग मुंबई, सूरत, अहमदाबाद व अन्य प्रांतों से पलायन कर आए हुए हैं। जो क्वेंटिन सेंटर में न जाकर अपने अपने घरों में रहकर घूमफिर रहे हैं, इससे कस्बे वासियों में दहशत का माहौल है। इसी तरह क्षेत्र के खड़कपुर,करुआपर, भले वा, मवई, जमरावा, अश्विनी, भिटौरा, मकनपुर, बेरागढीवा,सहित अन्य गांव के ग्रामीणों ने बताया की बाहर से आए हुए श्रमिकों को स्कूलों में बने कोरेंटिन सेंटर में ठहरा तो दिया गया है। लेकिन एक-दो दिन रुकने के बाद वह अपने घरों में घुस गए, जिससे कोरोना महामारी बढ़ने का खतरा मंडरा रहा है, जब ग्रामीण गांव के मुखिया(प्रधान) से इन श्रमिकों को गांव के बाहर करने के लिए कहते है, तो प्रधान पल्ला झाड़ लेते हैं। फिर एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप म ढ़ते हैं, यानी प्रधान कहते हैं की पुलिस साथ नहीं देती, वही पुलिस का कहना है कि यह प्रधान की जिम्मेदारी है कि सूचना दें कार्रवाई होगी।हुसैनगंज क्षेत्र के ग्रामीणों का कहना है कि भारी संख्या में पलायन कर आए हुए लोगों को कोरेंटी न सेंटर में भेजकर स्वास्थ्य विभाग से उनकी नियमित जांच कराई जाए। और 14 दिनों तक उन्हें कोरें टाइन किया जाए।जिससे इस महामारी से बचा जा सके। अगर समय रहते जिला प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया तो हुसैनगंज क्षेत्र में हालात खराब हो सकते हैं।
इंडियन न्यूज़ 20 से संवाददाता योगेंद्र सिंह की खास रिपोर्ट