कल तक जो मुरादाबाद पुलिस ट्विटर पर कह रही थी कि कुछ लोगों ने समाज में शत्रुता, घृणा, वैमनष्यता की भावना उत्पन्न करने के उद्देश्य से सामूहिक रूप से जगह बदल-बदलकर नमाज अदा की… आज वही पुलिस इस पूरे मामले को गलत बता रही है. पुलिस ने पूरे मुकदमे को ही खारिज कर दिया है. इस मामले में पुलिस ने 26 लोगों पर केस दर्ज किया था.

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में घर के अंदर सामूहिक नमाज पढ़ने के मामले में नया मोड़ आया है. कल तक जो मुरादाबाद पुलिस ट्विटर पर कह रही थी कि कुछ लोगों ने समाज में शत्रुता, घृणा, वैमनष्यता की भावना उत्पन्न करने के उद्देश्य से सामूहिक रूप से जगह बदल-बदलकर नमाज अदा की… आज वही पुलिस इस पूरे मामले को गलत बता रही है.
मुरादाबाद के घर में सामूहिक नमाज पढ़ने का मामला सामने आने के बाद पुलिस ने 26 लोगों पर केस दर्ज किया था. इस AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था, ‘क्या अब घरों में भी नमाज पढ़ने के लिए सरकार और पुलिस से इजाजत लेनी पड़ेगी, कब तक मुस्लिमों के साथ देश में दूसरे दर्जे के नागरिकों वाला सलूक किया जाएगा?
वहीं, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी तंज कसते हुए कहा था, ‘मुझे यकीन है कि अगर किसी पड़ोसी के यहां 26 दोस्त और रिश्तेदार एक साथ बैठकर हवन करेंगे तो किसी को कोई दिक्कत नहीं होगी, दिक्कत सामूहिक रूप से इकट्ठा होने से नहीं है, बल्कि नमाज पढ़ने से है.’ ओवैसी और उमर के अलावा कई लोग पुलिस के कदम की आलोचना कर रहे थे.