गुरुवार को सीतारमण द्वारा लोकसभा और राज्यसभा में पेश किए गए लगभग 60 पन्नों के श्वेत पत्र में कहा गया है कि बैंकिंग संकट यूपीए सरकार की सबसे महत्वपूर्ण और कुख्यात विरासतों में से एक था। इसमें बताया गया है कि किस तरह UPA सरकार के दस सालों में इकोनॉमी मिस मैनेजमेंट का नुकसान पूरे भारत को झेलना पड़ा है।
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को लोकसभा में श्वेत पत्र पेश किया, जिस पर आज चर्चा होने की उम्मीद है। 59 पेज के श्वेत पत्र में 2014 से पहले और 2014 के बाद की भारतीय अर्थव्यवस्था की जानकारी दी गई है। इसमें बताया गया है कि किस तरह UPA सरकार के दस सालों में इकोनॉमी मिस मैनेजमेंट का नुकसान भारत को झेलना पड़ा।

माना जा रहा है कि इसको लेकर लोकसभा में भारी हंगामा हो सकता है। गुरुवार को सीतारमण द्वारा लोकसभा और राज्यसभा में पेश किए गए लगभग 60 पन्नों के श्वेत पत्र में कहा गया है कि बैंकिंग संकट यूपीए सरकार की सबसे महत्वपूर्ण और कुख्यात विरासतों में से एक था। इसमें कहा गया है कि यूपीए सरकार ने 2004 में सत्ता में आने के बाद सुधारों को छोड़ दिया और वह पिछली भाजपा नीत एनडीए सरकार द्वारा रखी गई मजबूत नींव पर निर्माण करने में विफल रही।