आई ई ई सी ब्यूरो भोपाल- लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के उप संचालक एवं संचालक द्वारा शासन को एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया जिसमें उप जिला विस्तार एवं मध्यम अधिकारी के 77 पद समाप्त करते हुए जिला विस्तार एवं मध्यम अधिकारी तथा बी ई ई के पद संवर्ग के भारत शासन व मध्यप्रदेश शासन द्वारा निर्धारित शैक्षणिक योग्यता मैं परिवर्तन के साथ साथ विभागीय पदोन्नति हेतु निर्धारित पद 80% के स्थान पर पदोन्नति से भरे जाने वाले पद 20% एवं सीधी भर्ती हेतु निर्धारित पद 20% के स्थान पर 80% किए जाने हेतु तुगलकशाही प्रस्ताव भारत शासन के निति निर्देशो व प्रदेश शासन के अध्यादेशों ,भर्ती नियम तथा संम्बन्धित संवर्गो के जांब चार्ट का बिना अध्ययन किए ही अथवा शासन से मान्यता प्राप्त विभागीय संगठन से बिना सलाह मशवरा किये ही वाहवाही प्राप्त करने के लिए उक्त अधिकारियों द्वारा प्रस्तुत किया गया है।
उक्त प्रस्ताव को यदि कैविनेट में स्विकृत कर लिया जाता है तो जो उक्त संवर्ग के अधिकारी कर्मचारियों के साथ धोखाधड़ी एवं कुठाराघात है।
उक्त प्रस्ताव में उप जिला विस्तार एवं माध्यम अधिकारी का 77 पद समाप्त किये जाने का प्रस्ताव है जिससे जिला स्तर व ग्रामीण क्षेत्र में उक्त पद संवर्ग जो जिला विस्तार एवं माध्यम अधिकारी के सहयोगी के रूप में कार्य करते हुए पूरे जिले में कार्य संपादित करता है का कार्य प्रभावित होगा।
*–* वर्तमान में कार्यरत जिला विस्तार एवं माध्यम अधिकारी के भारत शासन व प्रदेश शासन द्वारा निर्धारित आहर्ततायी योग्यता एम ए समाज शास्त्र है में परिवर्तन करते हुए प्रस्ताव में प्रस्तावित आहर्ततायी योग्यता एम ए मास कम्यूनिकेशन,/ एम बी इन मास कम्यूनिकेशन प्रस्तावित किया गया है जिसका उक्त पद संवर्गो के अधिकारी कर्मचारियों को अध्ययन कर उत्तीर्ण करना अनिवार्य होगा।इस हेतु शासन को उन्हे दो वर्ष के लिए अध्ययन हेतु पूरे वेतन के साथ भेजना होगा इससे कार्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने के साथ-साथ शासन के उपर अतिरिक्त आर्थिक अधिभार भी पड़ेगा।
*–* प्रस्ताव में जिला विस्तार एवं माध्यम अधिकारी तथा बी ई ई के पद पर पदोन्नति के पद 20 प्रतिशत तथा सीधी भर्ती के पद 80 प्रस्तावित किया गया है, जब कि भारत शासन के गाइडलाइन के अनुसार वर्तमान में भर्ती नियम के अनुसार पदोन्नति के 80प्रतिशत तथा सीधी भर्ती के 20 प्रतिशत है।इससे बी ई ई के साथ साथ सुपरवाइजर तथा स्वास्थ्य कार्यकर्ता ( महिला- पुरुष) के पदोन्नति के अवसर नगण्य होकर पदोन्नति के अवसर समाप्त हो जायेगा।
जिला विस्तार एवं माध्यम अधिकारी, उप जिला विस्तार एवं माध्यम अधिकारी,बी ई ई, सुपरवाइजर, स्वास्थ कार्यकर्ता ( महिला- पुरुष) का पद भारत शासन द्वारा पूरे देश के लिए तदोपरांत प्रदेश शासन द्वारा लगभग वर्ष 1970 स्विकृत किया जाकर योग्यता, जाब चार्ट निर्धारित किया गया है।वेतन भी केंद्र सरकार के परिवार कल्याण अन्तर्गत राज्यों को प्रदत्त अनुदान राशि से भुगतान किया जाता है।भारत शासन द्वारा निर्धारित उक्त पद संवर्ग के जाब चार्ट का अवलोकन किये बिना ही प्रस्ताव के प्रस्तावक अधिकारी जिला विस्तार अधिकारी ,उप जिला विस्तार एवं माध्यम अधिकारी तथा बी ई ई का कार्य मात्र मिडिया का कार्य का ही संचालन करना समझ रहे हैं ।इस लिए योग्यता एम ए मास कम्यूनिकेशन ,एम बी ए इन मास कम्युनिकेशन प्रस्तावित किया गया है।
भारत शासन द्वारा उपरोक्त पद संवर्ग के अधिकारी -कर्मचारियों के ज्ञान में बृध्दी व कार्य गुणवत्ताबृध्दी सुध्दीरीणीकरण हेतु
मुम्बई, चिन्नई, कलकत्ता व दिल्ली राष्ट्रीय संस्थानो में इन सर्विस प्रशिक्षण कोर्स पी जी डिप्लोमा इन हेल्थ एजूकेशन, कम्युनिकेशन आफ हेल्थ केयर का कोर्स संचालित किया जाता
है ।प्रत्येक प्रदेश के साथ-साथ मध्य प्रदेश के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के उक्त संवर्ग अधिकारी-कर्मचारियो के लिए सीट निर्धारित किया गया है। लेकिन उक्त प्रशिक्षणो में भी उक्त संवर्ग अधिकारी-कर्मचारियो को प्रदेश में विभिग द्वारा नहीं भेजा जा रहा है।
राज्य शासन मध्य प्रदेश में उक्त पदों की योग्यता, पदोन्नति व सीधी भर्ती के पदों कि संख्या में परिवर्तन का प्रस्ताव कुछ तुगलकशाही व वाह वाही लेने वाले अधिकारियों द्वारा सण्यंत्रपूर्ण शासन को प्रस्तूत किया गया है।उक्त प्रस्ताव उपरोक्त संवर्ग के अधिकारी-कर्मचारी हीतो के साथ कुठाराघात है व भारत शासन के द्वारा निर्धारित निति,निर्देशो व नियमों का सीधे सीधे उलघंन भी है।
इससे उक्त संवर्ग व समस्त शासकीय स्वास्थ्य सेवकों में असंतोष व घोर आक्रोष है।
मध्य प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष एस बी सिंह एवं प्रदेश महामंत्री सुरेश सिंह ने मांग किया है कि इस प्रस्ताव के प्रस्ताव क्रमांक 3 व 4 तथा 5 को तत्काल निरस्त किया जावें , अन्यथा प्रदेश के उपरोक्त समस्त अधिकारी- कर्मचारी तथा अन्य समस्त शासकीय स्वास्थ सेवक कामबन्द हड़ताल पर जाएंगे जिसकी जिम्मेदारी शासन,प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की होगी।