राजस्थान में लंपी बीमारी के कहर को देखते हुए सरकार ने अब जिला कलेक्टर्स की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित कर जवाबदेही तय की है. सरकार के आदेशों के मुताबिक जिला कलेक्टरों की यह कमेटी पशुओं के इलाज, टीका और दफनाने तक की सभी व्यवस्था करेगी.
राजस्थान में लंपी बीमारी का कहर लगातार जारी है. राज्य के 24 जिलों में लंपी बीमारी फैल चुकी है जिससे करीब 75 हजार गोवंश मरने का अनुमान लगाया जा रहा है. हालांकि, सरकारी आंकड़ों में 43 हजार गोवंश को ही मृत बताया गया है. लंपी बीमारी से बिगड़ते हालातों के बीच गहलोत सरकार अब एक्शन मोड में आ गई है. राज्य में लगातार हो रही गोवंश की मौत के बाद सरकार ने अब जिला कलेक्टर्स की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित कर जवाबदेही तय की है. सरकार के आदेशों के मुताबिक जिला कलेक्टरों की यह कमेटी पशुओं के इलाज, टीका और दफनाने तक की सभी व्यवस्था करेगी.
वहीं बीमार पशुओं का समय पर इलाज सुनिश्चित करने की जिला स्तर पर जिम्मेदारी के लिए भी कमेटी का गठन किया गया है जिसमें कलेक्टर को अध्यक्ष बनाया गया है. वहीं कमेटी में सीईओ जिला परिषद सदस्य और शहरी निकाय के सदस्य भी होंगे.
राज्य की मुख्य सचिव उषा शर्मा ने कहा कि जिला स्तर पर पशुओं के रोग नियंत्रण, मृत पशुओं को दफनाने, वैज्ञानिक विधि से निस्तारण करने का काम कमेटी करेगी. इसके अलावा बीमारी से संबंधित लोगों में फैली सभी तरह की भ्रांतियों को दूर करने का भी काम किया जाएगा.