कोरोनो की चुनौती को स्वीकारते हुए आरबीआई गवर्नर ने माना कि 4.40% ग्रोथ हासिल करना बड़ी चुनौती होगी.
गवर्नर ने माना कि कोरोना वायरस के कारण मांग में भारी कमी आई है. इसके चलते महंगाई की दर में भी परिवर्तन संभव है.
आरबीआई ने आम लोगों को बड़ी राहत देते हुए रेपो रेट को .75% घटाने का फैसला किया है. इससे आम लोगों के लोन की ईएमआई में कमी आएगी.
रिजर्व बैंक ने कहा कि 2020-21 में आर्थिक वृद्धि परिदृश्य को निजी उपभोग का स्तर तथा बाह्य कारकों समेत विभिन्न कारक प्रभावित करेंगे. उसने कहा कि निजी उपभोग में, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में रबी फसल की बेहतर संभावनाओं के मद्देनजर सुधार होने की उम्मीद है. खाद्य पदार्थों की कीमतों में हालिया तेजी ने व्यापार संतुलन कृषि के पक्ष में किया है, इससे ग्रामीण आय को समर्थन मिलने की उम्मीद है. उसने कहा कि वैश्विक व्यापार की अनिश्चितताओं में नरमी आने से निर्यात को प्रोत्साहन मिलने तथा निवेश गतिविधियों में तेजी आने का अनुमान है.