
यूनाइटेड किंगडम (ब्रिटेन)
यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति के मामले में यूनाइटेड किंगडम दूसरे स्थान पर है। दोनों देशों की सैन्य सहयोग योजना, ऑपरेशन ऑर्बिटल, 2015 से प्रभावी है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने तो युद्ध के बीच यूक्रेन की राजधानी कीव का दौरा कर अपना समर्थन भी प्रकट किया था। ब्रिटेन ने कम से कम 75 सैक्सन बख़्तरबंद वाहन और लैंड रोवर डिफेंडर आर्मर्ड रिकॉनसेंस एंड कम्यूनिकेशन वाहनों को कीव को सौंपा था। ब्रिटेन ने यूक्रेन को मेडिकल इक्विपमेंट, टैक्टिकल गियर, नाइट विजन इक्विपमेंट और जीपीएस नेविगेटर प्रदान किए हैं। इनकी कीमत यूके से 4.5 मिलियन डॉलर से अधिक है। 2022 में, लंदन ने यूक्रेन को लाइट एंटी टैंक मिसाइलों की बड़ी खेप सौंपी थी।

अमेरिका
रूस ने आरोप लगाया कि अमेरिका ने मार्च 2014 में रूस में हुए तख्तापलट में बड़ी भूमिका निभाई थी। अमेरिका ने पिछले छह महीनों में मार्च से सितंबर तक – यूक्रेन को सैनिकों की वर्दी, नाइट विजन उपकरण और संचार उपकरण के लिए 32 मिलियन डॉलर दिए हैं। इसके अतिरिक्त, उन्होंने यूक्रेन को M142 HIMARS रॉकेट सिस्टम, एम777 होवित्जर, गोला-बारूद, स्ट्रिंगर मिसाइल, हार्पूर मिसाइल, सैनिकों के लिए वर्दी, सैन्य राशन की बड़ी खेप सौंपी है। बराक ओबामा ने 18 दिसंबर, 2014 को कांग्रेस से अनुमोदित “यूक्रेन फ्रीडम सपोर्ट एक्ट” पर हस्ताक्षर किए। तब से ही अमेरिका लगातार यूक्रेन को घातक हथियारों की सप्लाई कर रहा है। 2015 में, अमेरिका ने यूक्रेन को 230 Humvee बख़्तरबंद वाहनों और रेवेन ड्रोन की आपूर्ति की थी।
