मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजनान्तर्गत एक लाख से अधिक गरीब पुत्रियों की हुई शादी
भारतीय समाज में चाहे गरीब हो या अमीर पुत्री की शादी करना बड़ा महत्वपूर्ण कार्य माना गया है। नारी सशक्तीकरण के वर्तमान युग में भी समाज में काफी ऐसे लोग हैं जो अपनी गरीबी के कारण पुत्री की शादी में धनराशि व्यय करने में असमर्थ होते हैं। उ0प्र0 के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने प्रदेश के ऐसे गरीबों की पुत्रियों के हाथ पीले करने के लिए मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना लागू की है। इस योजना के अन्तर्गत लाभ लेने के लिए जरूरी है कि लाभार्थी की वार्षिक आय 2 लाख रुपये से कम हो और वह उत्तर प्रदेश का निवासी हो। सामूहिक विवाह योजना के अन्तर्गत गरीब व कमजोर वर्ग परिवार की पुत्री, विधवा, परित्यक्ता, तलाकशुदा महिला के विवाह कराये जाते हैं। इस विवाह के लिए लड़की की उम्र 18 वर्ष तथा लड़के की उम्र 21 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह के लिए कम से कम 10 जोड़ों को सम्मिलित किया जाता है।
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजनान्तर्गत समाज कल्याण विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन करना पड़ता है जिसमें मूल निवास प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, पासपोर्ट साइज का फोटो लगाना होता है। इस विवाह का पूरा खर्च सरकार उठाती है। एक जोड़े के विवाह पर 51 हजार रु0 सरकार द्वारा दिया जाता है। जिसमें दाम्पत्य जीवन में खुशहाली एवं गृहस्थी की स्थापना हेतु कन्या के खाते में 35 हजार रु0 की धनराशि दी जाती है। विवाह संस्कार के लिए आवश्यक सामग्री यथा कपड़े, बिछिया, पायल, बर्तन आदि क्रय करने के लिए 10 हजार रुपये तथा प्रत्येक जोड़े के विवाह आयोजन पर खर्च के लिए 6 हजार रु0 व्यय किये जाने की व्यवस्था है। इस योजना के अन्तर्गत पात्र लाभार्थियों को पुत्री की शादी में कोई धनराशि व्यय नहीं करना पड़ता। प्रदेश सरकार पूरे विवाह का व्यय वहन करती है। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का आयोजन प्रदेश के जिला मजिस्टेªट द्वारा किया जाता है। इस योजना का लाभ सभी वर्गों के गरीब पात्र परिवारों द्वारा लिया जा रहा है।
वर्तमान सरकार की मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना सभी वर्गों की पुत्रियों के विवाह हेतु कल्याणकारी साबित हुई है। प्रदेश सरकार का ध्येय है कि गरीब लोग पुत्रियों को बोझ न समझें। उन्हें अच्छी शिक्षा दें और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रोत्साहित करें। पुत्रियों को समाज में अच्छा संस्कार और सम्मान दिया जाय जिससे उनका अच्छी तरह शारीरिक एवं मानसिक विकास हो। अच्छी शिक्षा व संस्कार से पुत्रियां समाज में अपना महत्वपूर्ण योगदान देती हैं। पुत्रियों के जन्म से लेकर शिक्षा, स्वास्थ्य सहित उनके विवाह तक का व्यय सरकार द्वारा वहन किया जाता है। वर्तमान सरकार ने प्रदेश में योजना के लागू होने से अब तक एक लाख से अधिक जोड़ों का सामूहिक विवाह कराया है। प्रदेश के सभी पात्र परिवार इस कल्याणकारी योजना का लाभ उठाते हुए सरकार की प्रशंसा कर रहे हैं।
जिलाधिकारी की अध्यक्षता में दिव्यांगजनों एवं वृद्धजनों को उपकरणों के वितरण के लिए आयोजित किए जाने वाले कैम्प की तैयारियों की समीक्षा बैठक सम्पन्न
अधिकारी अपने दायित्वों का निर्वहन पूरी निष्ठा एवं ईमानदारी के साथ करें पूरा-जिलाधिकारी, प्रयागराज
31 जनवरी, 2020 प्रयागराज।
जिलाधिकारी प्रयागराज श्री भानुचंद्र गोस्वामी की अध्यक्षता में दिव्यांगजनों एवं वृद्धजनों को उपकरणों के वितरण के लिए लगने वाले कैम्प की तैयारियों की समीक्षा बैठक की। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी श्री आशीष कुमार, समस्त एडीएम, एसडीएम, खण्ड विकास अधिकारी, आरटीओ, समाज कल्याण अधिकारी, दिव्यांगजन अधिकारी एवं अधिशाषी अधिकारी नगर पंचायत मौजूद थे।
जिलाधिकारी ने प्रत्येक खण्ड विकास अधिकारियों से ग्राम पंचायतवार कितने लाभार्थियों को चिन्हित किया गया है कि जानकारी ली। उन्होंने लाभार्थिंयों को कैम्प तक लाने और पहुंचाने की व्यवस्थाओं के सम्बन्ध में जानकारी ली तथा प्रत्येक खण्ड विकास अधिकारियों के साथ उपजिलाधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रत्येक ग्राम पंचायत वार इसकी सूची के साथ इसका रूट चार्ट भी तैयार कर लिया जाये। उन्होंने कहा कि लाभार्थिंयों को आने व जाने में किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो, इसका विशेष ध्यान रखा जाय। आरटीओ को निर्देशित करते हुए कहा कि आवश्यकतानुसार जो बसे लगायी जायेगी, वे ससमय निर्धारित जगहों पर पहुंच जाये, इसको सुनिश्चित कर लिया जाये। वाहनों की मानीटरिंग के लिए अपर जिलाधिकारी नगर को नोडल बनाया गया है। लाभार्थियों के लिए खाने, पीने का उचित प्रबंध करने के लिए एडीएम आपूर्ति को इसका नोडल बनाया गया। उन्होंने स्पष्ट रूप से निर्देशित किया कि जो भी जिम्मेदारी जिस अधिकारी को सौंपी जाये, वे उसका निर्वहन पूरी जिम्मेदारी एवं ईमानदारी के साथ करें। उन्होंने इस कार्य को संचालित कराने के लिए जमीनी स्तर पर योजना बनाने के निर्देश दिये।