महाकुंभ मेले में स्पॉटर्स आतंकियों की पहचान करेंगे। पांच राज्यों से बुलाए गए है। 30 की तैनाती होगी। एटीएस और एनएसजी भी तैनात हैं। इससे पहले शनिवार को मेले में पहली काउंटर टेररिज्म एक्सरसाइज की गई।

प्रयागराज मेले के दौरान ट्रैक की निगरानी के लिए रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के 500 जवानों को लगाया गया है। इतना ही नहीं, बल को आधुनिक उपकरणों से भी लैस किया गया है। उत्तर मध्य रेलवे के आईजी आरपीएफ अमिय नंदन सिन्हा का कहना है कि आरपीएफ हर मोर्चे को संभालने के लिए तैयार है। अलग-अलग शिफ्ट में जवान 24 घंटे विभिन्न स्थानों पर ट्रैक की निगरानी करेंगे। इसके अलावा आरपीएफ की विशेष कोरस कंमाडो ड्रोन कैमरों और एक हजार सीसीटीवी से निगरानी करेंगे। आईजी आरपीएफ के अनुसार, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस कैमरों में अपराधियों व संदिग्ध आंतकियों को ट्रेस करने की क्षमता है।
उन्होंने बताया कि स्टेशनों पर भीड़ नियंत्रण एवं भगदड़ के लिए रेलवे ने दो प्लान तैयार किए हैं। एक आंतरिक और दूसरा बाहरी। स्टेशनों पर आगजनी, बमबाजी या विस्फोट जैसी घटनाओं को रोकने लिए पहले से तैयारी चल रही है।
महाकुंभ में स्पॉटर्स हुए तैनात आतंकियों की करेंगे पहचान
महाकुंभ में आतंकी मंसूबों को नाकाम करने के लिए पांच राज्यों से स्पॉटर्स बुलाए गए हैं। यह पलक झपकते ही आतंकियों, कुख्यात अपराधियों के साथ ही संदिग्ध गतिविधियां करने वालों की पहचान कर सकेंगे। मेले में कुल 30 स्पॉटर्स की तैनाती होनी है, जिनमें से 18 ने पहुंचकर सुरागरशी भी शुरू कर दी है।मेले को लेकर मिली धमकियों के मद्देनजर प्रदेश सरकार सुरक्षा को लेकर हरसंभव उपाय करने में जुटी है। यहां तक कि काउंटर टेररिज्म ऑपरेशन में महारत हासिल करने वाली नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (एनएसजी) के ब्लैककैट कमांडोज भी तैनात किए गए हैं।
18 ने मेले में शुरू की सुरागरशी
इसके अलावा भी सुरक्षा से जुड़े हर बिंदु पर पुख्ता तैयारी की जा रही है। इसी को देखते हुए स्पॉटर्स तैनात करने का निर्णय लिया गया है। यह स्पॉटर्स जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, मप्र और नॉर्थ-ईस्ट से चुलाए जाएंगे। इनमें से 18 ने मेले में पहुंचकर सुरागरशी भी शुरू कर दी है।