संसद में बजट सत्र का दूसरा हिस्सा चल रहा है। वहीं आज यानी 18 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में सदन को संबोधित किया है। इस दौरान पीएम मोदी ने महाकुंभ से लेकर कई मुद्दों पर बात की है। पीएम मोदी ने लोकसभा में क्या कहा? आइए जानते हैं इस रिपोर्ट में…
महाकुंभ में दिखा जागृत भारत का प्रतिबिंब
महाकुंभ पर बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि इसमें जागृत भारत का प्रतिबिंब नजर आता है। भारत में डेढ़ महीने तक हमने महाकुंभ का उत्साह देखा। यह उमंग यहीं तक सीमित नहीं है। बीते हफ्ते मैं मॉरीशस में था और त्रिवेणी का पवित्र जल लेकर गया था। वहां जब यह जल अर्पित किया गया, तो श्रद्धा, उत्साह और आस्था का उत्सव देखते ही बनता है।
सवाल खड़े करने वालों को मिला जवाब
पीएम मोदी ने कहा कि गंगा जी को धरती पर लाने के लिए भागीरथ ने प्रयास किया था। वैसा ही महाप्रयास मैंने महाकुंभ के आयोजन में देखा। पूरे विश्व ने महाकुंभ के रूप में भारत के विराट स्वरूप के दर्शन किए। सबका प्रयास का यही साक्षात स्वरूप है। महाकुंभ में हमने हमारी राष्ट्रीय चेतना के जागरण के विराट दर्शन किए हैं। यह चेतना राष्ट्र को नए संकल्पों की तरफ ले जाती है। महाकुंभ ने उन शंकाओं और आशंकाओं को भी उचित जवाब दिया है, जो हमारे सामर्थ्य पर सवाल खड़े कर रहे थे।
महाकुंभ का महत्व
महाकुंभ से हमें अनेक प्रेरणाएं मिली हैं। हमारे देश में कई छोटी-बड़ी नदियां हैं। कुंभ से प्रेरणा लेते हुए हमें नदियों का सरंक्षण करना होगा। इससे लोगों को पानी का महत्व समझ आएगा, नदियों की साफ-सफाई को बल मिलेगा और नदियों की रक्षा होगी।। मुझे विश्वास है कि महाकुंभ से निकला अमृत हमारे संकल्पों की सिद्धी का मजबूत माध्यम बनेगा। मैं महाकुंभ से जुड़े प्रत्येक व्यक्ति की सराहना करता हूं और देश के सभी श्रद्धालुओं को नमन करता हूं।