राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मीडिया से बात करते हुए कई मुद्दों पर अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने कहा कि मणिपुर के मुख्यमंत्री ने जो माफी मांगी पब्लिक से, वह काफी नहीं है। वह माफ करने योग्य नहीं हैं। माफी मांगने 2 साल बाद आए। मणिपुर में 2 गुटों में आपस में फायरिंग हुई। रेप हुए, अन्याय और उत्पीड़न हुआ, लेकिन भारत सरकार कुछ नहीं कर पाई। दोषी हैं वहां के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह और केंद्र सरकार क्या उनको हटा नहीं सकती। उनको माफ नहीं किया जा सकता है।
अशोक गहलोत ने कहा कि मणिपुर में क्या नहीं हुआ? 250 लोग मारे गए। लोगों को समझना पड़ेगा कि जो गलती कर रहा, जो माहौल बना हुआ है, देश में धर्म के नाम पर बात हो रही है, बाकी सब मुददे गौण हो गए हैं, प्रधानमंत्री मोदी भी मणिपुर नहीं जाने को लेकर अड़े हैं, यह सब ठीक नहीं है। उन्हें बड़ा मन रखना चाहिए। अगर वह जाते तो उनका अलग औरा होता। उन्होंने तो थाली और ताली बजवा दी। उन्होंने एक स्टेट को इग्नोर करके क्राइम किया है। मुख्यमंत्री को तो पहले ही इस्तीफा दे देना चाहिए था। उनका मान सम्मान बना रहता।
AAP और इंडिया गठबंधन पर खुलकर बोले
अशोक गहलोत ने आम आदमी पार्टी की इंडिया गठबंधन से कांग्रेस को हटाने की मांग पर कहा कि हर पार्टी को चुनाव जीतना होता है तो वह कमेंट करती रहती है, लेकिन उसका कोई तुक नहीं है। बिना कांग्रेस के इस देश के अंदर कोई भी विपक्ष का गठबंधन संभव ही नहीं है। यह बात बोलने वाले खुद भी जानते हैं। जिन्होंने कमेंट किया है, वह भी जानते हैं कि बिना कांग्रेस के विपक्षी पार्टियों का गठबंधन संभव ही नहीं है, क्योंकि नेशनल पार्टी एकमात्र कांग्रेस है। इंडिया गठबंधन में उसके बिना गठबंधन क्या होगा? इसलिए सोच समझकर राजनीति करें।
किसान आंदोलन और जगजीत डल्लेवाल पर ये कहा
अशोक गहलोत ने किसान आंदोलन और जगजीत सिंह डल्लेवाल पर भी बात की। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट किसान को बचाने के लिए कमेंट कर रहा है, जबकि सुप्रीम कोर्ट को पंजाब सरकार को सलाह देनी चाहिए कि उनका इलाज शुरू करना चाहिए और वह किसान जिद किए हुए हैं। उन्होंने मांग की है कि डेलिगेशन को केंद्र सरकार के बुलाने की तो क्या एक किसान के मान सम्मान के लिए सरकार यह नहीं कर सकती। डल्लेवाल लाखों किसानों के संघर्ष का प्रतीक हैं। अविलंब सरकार को किसानों को बुलाना चाहिए और उनसे बात करनी चाहिए।