07 जनवरी 2021, गुरुवार सायं4ः00 बजे से मधुमेह पर केन्द्रित ‘मेटाबाॅलिक डिजीज एंड डायबिटीज रिवर्सल विदआउटमेडिसिन’ विषयक संगोष्ठी का आयोजन गाँधी सभागार में किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ माँ सरस्वती की प्रतिमा परमाल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। कार्यक्रम के प्रारम्भ में एकेडेमी के अध्यक्षडाॅ उदय प्रताप सिंह ने माननीय न्माननीय न्यायमूर्ति विवेक कुमार सिंह, माननीयन्यायमूर्ति मंजूरानी चैहान, श्री जितेन्द्र कुमार आई. ए. एस. (प्रमुख सचिव भाषा,उत्तर प्रदेश शासन, लखनऊ) एवं डाॅ. पंकज भारती (होलेस्टिक फिजीशियन, लखनऊ) कास्वागत एवं सम्मान पुष्प गुच्छ एवं स्मृति चिन्हऔर शाॅल देकर किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए एकेडेमी के अध्यक्ष डाॅ उदयप्रताप सिंह ने कहा कि आज हिन्दुस्तानी एकेडेमी ने अपने ढं़ग की अनूठीसंगोष्ठी का आयोजन किया है। मधुमेह से आज अनेकों लोग पीड़ित हैं। एकसुव्यवस्थित कार्यशैली को अपनाकर मधुमेह से ढुटकारा पाया जा सकता है। हमारेबीच उपस्थित जितेन्द्र कुमार जह जिसका उदाहरण हैं। इन्होंने एक स्वस्थ जीवन शैलीको अपानकर मधुमेह को दूर कर दिया है। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता श्री जितेन्द्रकुमार आई. ए. एस. (प्रमुख सचिव भाषा, उत्तर प्रदेश शासन, लखनऊ) ने बताया आज की सबसे बड़ी समस्या है जीवनशैली के रोग. कोविड-19 के उदय केसाथ वैश्विक स्तर पर सभी का ध्यान शरीर की इम्यूनिटी की तरफ़ भी आकर्षित हुआहै. जैसा कि उभर कर सामने आया है कि कोविड वाइरस ने उन्हीं लोगों को सबसेअधिक प्रभावित किया जिनमें डायबीटीज़ या अन्य दूसरी मेटाबालिक बीमारियाँ थीं. येसिलसिला लगातार चल रहा है। डायबीटीज़ और सभी मेटाबालिक बीमारियों के पीछेसीधे तौर पर हमारा ग़लत खान-पान और ग़लत जीवनशैली जिम्मेदार है लेकिन इनसभी का इलाज मरीज़ सिर्फ़ एलोपैथिकदवाओं से करते हैं जब कि इन सभी बीमारियों को खान-पान और जीवनशैलीमें परिवर्तन ला कर किया जा सकता है। ऐसा ही कर दिखाया है प्रदेश के एक वरिष्ठप्रशासनिक अधिकारी श्री जितेंद्र कुमार ने श्री कुमार इस समय उत्तर प्रदेश शासन मेंप्रमुख सचिव के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने न सिर्फ़ अपना डायबीटीज़ पूरी तरह से ठीककिया बल्कि अपना वजन भी २५ किलोग्राम घटा लिया। आज वो सभी प्रकार की दवाइयों सेपूरी तरह मुक्त हैं।सबसे बड़ी बात यह हुई कि उन्होंने इस विषय का गहनता सेअध्ययन करना शुरू किया और खुद को भी एक लाइफ़् स्टायल एक्स्पर्ट की तरह प्रतिस्थापितकिया। आज वो बड़े स्तर पर लोगों के जीवन में परिवर्तन लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.ऐसी संगोष्ठियों के माध्यम से वो बड़े स्तर पर लोगों को जागरुक कर रहेहैं। आज उन्होंने शहर के गणमान्य और अति प्रतिष्ठित लोगों के बीच न सिर्फ़अपनी सफ़लता की कहानी शेयर की बल्कि साइंटफिक सेशन में डायबीटीज़ और दूसरीमेटाबालिक बीमारियों पर प्रकाश डाला. इसमें उन्होंने न सिर्फ़ बीमारी के होने वालेकारणों सही कारणों को बताया बल्कि उन्हें कैसे बहुत आसानी से अपने भोजन मेंऔर जीवनशैली में परिवर्तन कर आसानी से ठीक किया जा सकता है। उन्होंने बताया किहमारे खान-पान, ख़राब जीवनशैली, अत्यधिक मानसिक तनाव और प्रदूषण सेशरीर की कोशिकाओं में टॉक्सिन इकट्ठे हो जाते हैं, लिवर ठीक से काम नहीं करताहै, ऐसिड और ऐल्कलायन असंतुलन होता है साथ में शरीर में पोषक तत्वोंकी कमी हो जाती है. इससे शरीर में मेटबालिक असंतुलन होने से डाइबीटीज़ औरदूसरी मेटाबालिक बीमारियाँ हो जाती हैं। मेटाबालिक असंतुलन दूर होने सेअधिकांश मरीज़ पूरी तरह से ब्लड शुगर कम करने वाली दवाइयाँ छोड़ देते हैं औरइंसुलिन लेना भी बंद कर देते हैं।श्री जितेंद्र कुमार के साथ लखनऊ के ही डॉक्टर पंकजभारती ने जीवनशैली के कारण और उनके निवारण पर प्रकाश डाला।साइटिफ़िक सेशन केबाद उपस्थित जनों ने अलग-अलग बीमारियों पर प्रश्न पूछे! दोनों लोगों सेइनका आसन और घर पर आसानी से किया जाने वाला समाधान बताया।’ धन्यवाद ज्ञापन एकेडेमी के कोषाध्यक्ष पायलसिंह एवं संगोष्ठी का संचालन डाॅ. संजय कुमार सिंह ने किया। कार्यक्रम मेंउपस्थित विद्धानों में रामनरेश तिवारी पीण्डीवासा, डाॅ. रमेश सिंह, प्रो. योगेन्द्रप्रताप सिंह ,श्री कल्पराज सिंह (सदस्य लोक सेवा आयोग), डाॅ सरोज सिंह, श्री शैलेन्द्रश्रीवास्तव, सहित शहर के गणमान्य लोगउपस्थित रहे।