देश के लोगों को लॉकडाउन का दौर तो याद ही होगा. महीनों तक हर कोई अपने घर की चार दीवारी के अंदर रहने को मजबूर था. ना कोई शादी-समारोह और ना कोई धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम. अब कुछ वैसी ही स्थिति जम्मू-कश्मीर के राजौरी के कोटरंका के बढ़ाल इलाके में भी देखने को मिली है. यहां सुदूर बधाल गांव में लोगों की आवाजाही पर तो ज्यादा प्रतिबंध नहीं हैं लेकिन शादी समारोह और सार्वजनिक कार्यक्रमों पर रोक लगा दी गई है. इसकी बड़ी वजह है वहां फैल रही अज्ञात बीमारी, जिसके चलते अबतक 17 लोगों की मौत हो चुकी है.
रहस्यमय बीमारी के चलते राजौरी प्रशासन ने कोटरंका के बढ़ाल इलाके में सभी शादियों और धार्मिक कार्यक्रमों पर रोक लगा दी है. साथ ही स्वास्थ्य जांच को भी तेज कर दिया गया है. यह फैसला हाल ही में सामने आई रहस्यमय बीमारी की वजह से लिया गया है, जिसने इलाके में चिंताएं बढ़ा दी है. प्रशासन का मानना है कि इस कदम से बीमारी के फैलाव को रोका जा सकेगा और स्थिति को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी. एडमिनिस्ट्रेशन ने लोगों से सहयोग करने की अपील की है और कहा है कि जांच रिपोर्ट आने तक ऐहतियाती कदम उठाना जरूरी है. प्रशासन ने इलाके में स्वास्थ्य जांच और निगरानी को भी तेज कर दिया है ताकि बीमारी के कारण और समाधान का जल्द पता लगाया जा सके.

केंद्रीय टीम कर रही जांच
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बीते शनिवार को राजौरी के सुदूर बधाल गांव में तीन परिवारों में कुछ सप्ताह के भीतर हुई 17 मौतों के कारणों का पता लगाने के लिए एक स्पेशल टीम का गठन किया था. इस टीम में स्वास्थ्य मंत्रालय के अफसरों सहित कई अन्य मंत्रालयों के अधिकारियों को भी शामिल किया गया था. रविवार को यह टीम वहां जांच के लिए पहुंची और प्राथमिक जांच के बाद चंद घंटों में ही यह खुलासा किया कि बच्चों की मौत का कारण दूषित झरने व बावली के पानी को पीना है. इससे पहले महीने भर से भी अधिक वक्त से सीएम अमर अब्दुल्ला और उनका स्वास्थ्य मंत्रालय बच्चों की मौत का राज नहीं सुलझा पाया था.