देश की सबसे बड़ी पंचायत में अब शाहजहांपुर जिले के चार नेता ताल ठोकेंगे। जिले के स्थानीय सांसद अरुण सागर के अलावा पीलीभीत से नवनिर्वाचित सांसद जितिन प्रसाद और आंवला के सांसद नीरज मौर्य भी शाहजहांपुर के ही रहने वाले हैं। इसी के साथ शाहजहांपुर इकलौता जिला बन गया है, जहां के तीन नेता एक ही चुनाव में सांसद चुने गए हैं।
इनके अलावा राज्यसभा सदस्य मिथिलेश कुमार कठेरिया भी यहीं के निवासी हैं। इन लोगों ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत भी शाहजहांपुर से ही की थी। इनमें से जितिन, अरुण व मिथिलेश भाजपा के हैं तो नीरज मौर्य सपा की झंडाबरदारी कर रहे हैं।

वर्ष 2007 में जलालाबाद सीट से पहली बार विधायक बने थे नीरज
लखनऊ के मूल निवासी नीरज मौर्य वर्ष 2007 में बसपा के टिकट पर शाहजहांपुर की जलालाबाद विधानसभा सीट से पहली बार विधायक चुने गए थे। इसके बाद जलालाबाद के आजादनगर में घर बनवाकर यहीं बस गए। वर्ष 2012 में भी उन्हें जीत मिली थी। हालांकि, 2017 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
इसके बाद वह भाजपा में शामिल हो गए थे, पर 2022 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले वह सपा में आ गए थे। सपा ने अब उन्हें आंवला लोकसभा सीट से चुनाव लड़ाया। इसमें जीतकर अब वह संसद की दहलीज पर कदम रखने जा रहे हैं।
विरासत की सियासत को आगे बढ़ा रहे जितिन प्रसाद
शाहजहांपुर के मूल निवासी कांग्रेस के दिग्गज नेता जितेंद्र प्रसाद के बेटे जितिन प्रसाद ने भाजपा में अपनी महत्वपूर्ण जगह बनाई है। वर्ष 2004 में लोकसभा का चुनाव जीतकर वह संसद पहुंचे थे। यूपीए सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रहे। शाहजहांपुर सीट आरक्षित हो जाने पर वर्ष 2009 में वह धौरहरा से लोकसभा चुनाव लड़े और जीते।
इसके बाद उन्हें पेट्रोलियम और सड़क एवं परिवहन जैसे अहम मंत्रालय की जिम्मेदारी मिली थी। वर्ष 2014 व 2019 का चुनाव वह कांग्रेस के टिकट पर हार गए थे। 2017 के विधानसभा चुनाव में तिलहर से सपा-कांग्रेस गठबंधन के टिकट पर चुनाव लड़ने पर सफलता नहीं मिली थी।
इसके बाद वह जून 2021 में भाजपा में शामिल हो गए। 2022 के विधानसभा चुनाव के बाद उन्हें पीडब्ल्यूडी मंत्री बनाया गया। अब वह 2024 के लोकसभा चुनाव में पीलीभीत सीट से जीतकर फिर संसद में ताल ठोकेंगे।
कृष्णाराज के बाद लगातार दो बार जीते अरुण
वर्ष 2019 में पूर्व केंद्रीय मंत्री कृष्णाराज का टिकट काटकर अरुण सागर को भाजपा ने प्रत्याशी बनाया था। उस समय वह 2.68 लाख वोटों से जीते थे। अरुण सागर की यह जीत बरेली मंडल में सबसे बड़ी जीत थी। इससे पहले वर्ष 2006 में वह बसपा के जिलाध्यक्ष रहे थे। उन्होंने 2015 में बसपा से इस्तीफा दे दिया था। 2019 के बाद अरुण सागर ने 2024 के चुनाव में भी जीत हासिल की है। वह शाहजहांपुर के कटरा विधानसभा के चावर खास गांव के निवासी हैं।
वर्ष 2022 में मिथिलेश कुमार पहुंचे राज्यसभा
पुवायां के गांव अगौना बुजुर्ग निवासी मिथिलेश कुमार कठेरिया अनुसूचित जाति से हैं। उन्होंने 1991 में भाजपा से राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी। तमाम उतार-चढ़ाव के साथ भाजपा ने उन्हें वर्ष 2022 में राज्यसभा भेजा। वर्ष 2007 के विधानसभा चुनाव में पुवायां से सपा के टिकट पर उन्होंने जीत हासिल की थी। वर्ष 2009 में शाहजहांपुर लोकसभा सीट से सपा से ही सांसद भी चुने गए थे। वर्ष 2019 में वह फिर से भाजपा में शामिल हो गए।