एजेंसी ने सिसोदिया और अन्य आरोपियों के खिलाफ भी नियमित लुकआउट सर्कुलर जारी किया था। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17A के तहत केंद्र शासित प्रदेशों में किसी विधायक के खिलाफ जांच करने के लिए राष्ट्रपति की अनुमति जरूरी होती है। वहीं आबकारी अधिकारियों के खिलाफ जांच की स्थिति में उपराज्यपाल अनुमति देने वाला प्राधिकारी होता है |

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के आवास पर सीबीआई की टीम ने शुक्रवार को आबकारी नीति 2021-22 में कथित अनियमितताओं के संबंध में छापेमारी की। डिप्टी सीएम सहित 15 लोगों के खिलाफ एजेंसी ने केस दर्ज किया है। दरअसल, सिसोदिया पर भ्रष्टाचार का मामला दर्ज करने से पहले सीबीआई ने राष्ट्रपति से पूर्व अनिवार्य मंजूरी हासिल कर ली थी। इसकी जानकारी मामले से जुड़े लोगों ने दी है।

बता दें कि दो मार्च 2016 के बाद, जब पूर्व शराब कारोबारी विजय माल्या देश छोड़कर ब्रिटेन भाग गया, तब से सीबीआई ने लगभग सभी मामलों में ‘एहतियात के तौर पर’ आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ एलओसी जारी करना शुरू कर दिया है। जिससे उनके देश छोड़ने की स्थिति में आव्रजन अधिकारी सतर्क रहें।
