मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने आयकर विभाग के नोटिस दिए जाने के मामले में ग्वालियर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। आयकर विभाग को कर्नाटक में कार्रवाई के दौरान दिग्विजय सिंह के नाम 11 करोड़ के लेनदेन की जानकारी मिली थी। आयकर विभाग ने करोड़ों की एंट्री के आधार पर दिग्विजय सिंह को इनकम टैक्स जमा करने का नोटिस जारी किया था। हाईकोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई की है। उच्च न्यायालय ने आयकर विभाग से जवाब मांगा है। वहीं दिग्विजय सिंह पर हुई कार्रवाई को लेकर सियासी गलियारों में भी हलचल तेज हो गई है। इसी कड़ी में BJP सांसद भारत सिंह ने दिग्विजय सिंह पर तंज कसा हैं।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल 15 मार्च 2016 को आयकर विभाग ने कर्नाटक के तत्कालीन MLC और मुख्यमंत्री के संसदीय सचिव रहे गोविंद राजू की फर्म सीआर मनोहर ग्रुप के यहां सर्च एंड सीजर की कार्रवाई की थी। कार्रवाई के दौरान आयकर विभाग के हाथ एक पॉकेट डायरी लगी थी। इस पॉकेट डायरी में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के नाम 11 करोड़ के लेनदेन की एंट्री का ब्यौरा मौजूद था। डायरी के अनुसार यह रुपए दिग्विजय सिंह को दिए गए हैं। ऐसे में आयकर विभाग ने दिग्विजय सिंह के आईटी रिटर्न की जांच की, तो उसमें पता चला कि दिग्विजय सिंह ने 11 करोड़ का ब्यौरा उसमें नहीं दिया था और ना ही यह टैक्स चुकाया था।
पूर्व सीएम ने किया हाईकोर्ट का रुख
आयकर विभाग ने 23 मार्च 2023 को एक नोटिस जारी करते हुए दिग्विजय सिंह से जवाब मांगा था। आयकर विभाग का कहना था कि दिग्विजय सिंह ने 11 करोड़ रुपये पर टैक्स क्यों नहीं दिया और इस रकम को छिपा कर क्यों रखा? इस नोटिस के खिलाफ दिग्विजय सिंह ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था। हाईकोर्ट में याचिका दायर करते हुए दिग्विजयसिंह ने तर्क दिया कि “धारा 148 में नोटिस भेजने का अधिकार नेशनल फेसलेस एसेसमेंट सेंटर (NFAC) को है। हालांकि आयकर अधिकारी ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर नोटिस भेजा, जो नियम विरुद्ध है।” ऐसे में हाई कोर्ट ने आयकर विभाग से जवाब मांगा है। कोर्ट ने अगली तारीख 30 सितंबर को दी है। इस सुनवाई के दौरान आयकर विभाग को अदालत में जवाब दर्ज करना होगा।
बीजेपी सांसद ने साधा निशाना
BJP सांसद भारत सिंह कुशवाह ने इस मामले में दिग्विजय सिंह पर तंज कसा है। भारत सिंह का कहना है कि आयकर विभाग अपने नियम के अनुसार काम करता है लेकिन दिग्विजय सिंह सुर्खियों में रहने के लिए कुछ ना कुछ करते रहते हैं। आयकर विभाग जब भी कोई स्टेप उठाता है, तो उसके पीछे कुछ तथ्य होते हैं। ऐसे में मामले को कोर्ट ले जाने का कोई ओचित्य ही नहीं बनता है। आयकर विभाग कभी किसी गरीब के घर नहीं जाता है। दिग्विजय सिंह जी के बारे में सभी जानते हैं कि वह राघोगढ़ के राजा रहे हैं, बड़े नेता हैं और इतने बड़े आदमी के यहां अगर आयकर विभाग ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है, तो कहीं ना कहीं प्रश्न चिन्ह खड़ा होता है।