डरो नहीं सहो नहीं महिलाओं के साथ अत्याचार कोई नई घटना नहीं है, यह अत्याचार सदियों से होता आ रहा है। महिलाएं अपने घर में भी घरेलु हिंसा का शिकार होती है।जब किसी महिला की शादी हो जाती है, तो उससे दहेज़ की मांग की जाती है और दहेज़ न देने पर उसके साथ बहुत गलत व्यवहार किया जाता है।

महिलाओं को कुरूतियो में बांधकर उनके साथ कईं तरह के अत्याचार किये जाते है। उनके साथ होने वाले अत्याचार जैसे बलात्कार, दहेज़ प्रथा, भ्रूण हत्या, घरेलु हिंसा, छेड़छाड़, एसिड अटैक, आदि है।महिलाओं को शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता है। जिसका परिणाम यह होता है कि कईं बार महिलाएं आत्महत्या का रास्ता चुन लेती है।महिलाओं के साथ हिंसा:- हमारे देश का इतना विकास होने के बाद भी महिलाओं के साथ हिंसा रुक नहीं रही है, बल्कि दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। लड़कियों के साथ छेड़छाड़ जैसी वारदातें तो आजकल आम बात हो गई है।महिलाओं को हर जगह ऐसी समस्याओं का सामना करना पड़ा है। लड़के, लड़कियों को प्रपोज करते है।यदि लड़की, लड़के का प्रपोजल अस्वीकार कर देती है, तो कुछ लड़के इसे अपना अपमान मानकर उस पर तेजाब फेंक देते है और कईं बार लड़कियों के साथ बलात्कार जैसी घटनाएं भी हो जाती है।

इससे उस लड़की का जीवन ही बर्बाद हो जाता है। महिलाएं तो अपने घर में भी सुरक्षित नहीं है। उनके अपने घर में भी उनके साथ हिंसा होती है। उन्हें दहेज के लिए मारा-पीटा जाता है और मानसिक रूप से भी प्रताड़ित किया जाता है।कहीं न कहीं महिलाएं भी अपने साथ होने वाले अत्याचर के लिए जिम्मेदार होती है। जब उनके साथ ऐसी घटनाएं शुरू होती है, तो वह चुपचाप सहन करने लगती है। जिससे सामने वाले का विश्वास और अधिक बढ़ जाता है।महिलाओं को उनके साथ होने वाले अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाने की आवश्यकता है, तभी ऐसे अपराध कम हो पाएंगे।महिलाएं अपना जीवन जीने का उतना ही अधिकार रखती है, जितना अधिकार एक पुरुष रखता है। हमारे देश की संस्कृति में स्त्रियों को घर की लक्ष्मी कहा जाता है।हमारी टीम को जानकारी दे सकते हैं या फिर हमारा एप्लीकेशन Indian news 20 डाउनलोड कर सकते हैं उसमे हेल्प डेस्क में अपने समस्य लिखे हम आपकी मदद करेंगे. #supportgirls #women #womensupportingwomen #indiannews20