वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने लगातार आठवीं बार और मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट पेश करते हुए टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत दी है. न्यू टैक्स रिजीम के तहत सालाना 12 लाख रुपये कमाने वालों को अब कोई इनकम टैक्स नहीं चुकाना होगा. इससे मिडिल क्लास पर से टैक्स का बोझ कम होगा जिससे उनके हाथों में खर्च करने के लिए ज्यादा पैसे आयेंगे. इससे घरेलू खपत सेविंग और निवेश को बढ़ाने में मदद मिलेगी.
12.75 लाख रुपये तक के आय पर टैक्स नहीं
वित्त मंत्री सीतारमण ने अपने बजट के जरिए सैलरीड पेंशनर्स को बड़ी राहत दी है. ऐसे लोग जो सालाना 12 लाख रुपये तक कमाते हैं उन्हें नए वित्त वर्ष 2025-26 में कोई टैक्स नहीं चुकाना होगा. यानी 12 लाख रुपये तक की इनकम टैक्स-फ्री हो गई है. राहत की बात ये है कि टैक्सपेयर्स को न्यू रिजीम में 75000 रुपये सालाना स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ मिलता रहेगा. यानी ऐसे टैक्सपेयर्स जिनकी सालाना इनकम 12.75 लाख रुपये है उन्हें कोई टैक्स नहीं देना होगा.
न्यू टैक्स रिजीम में टैक्स स्लैब में भी बड़ा बदलाव
न्यू इनकम टैक्स रिजीम में टैक्स स्लैब में बड़ा बदलाव किया गया है. 4 लाख रुपये तक के आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा. 4 – 8 लाख रुपये तक के इनकम पर 5 फीसदी, 8 – 12 लाख रुपये तक के आय पर 10 फीसदी, 12 -16 लाख रुपये तक के इनकम पर 15 फीसदी, 16 – 20 लाख रुपये तक के इनकम पर 20 फीसदी, 20 -24 लाख रुपये तक के इनकम पर 25 फीसदी और 24 लाख रुपये से ज्यादा आय पर 30 फीसदी टैक्स देना होगा. टैक्स स्लैब में इस बदलाव के चलते 8 लाख से लेकर 25 लाख रुपये तक के इनकम वालों को 30000 से लेकर 1,10,000 रुपये तक की टैक्स की बचत होगी. साथ ही जिन टैक्सपेयर्स की इनकम सालाना 12 लाख रुपये है उन्हें 80000 रुपये की टैक्स की बचत होगी.

सीनियर सिटीजंस के लिए डबल हुआ टैक्स डिडक्शन लिमिट
सीनियर सिटीजंस (senior citizens ) को वित्त मंत्री ने बड़ी सौगात दी है. वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज पर टीडीएस लिमिट (TDS Limit) को बढ़ाने का एलान किया गया है. सीनियर सिटीजंस के लिए टीडीएस लिमिट को मौजूदा 50000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दिया गया है. यानी बैंकों में एफडी पर 50000 रुपये तक ब्याज पर जो टीडीएस कटता था उसकी लिमिट को बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दिया गया है.
रेंट पर 6 लाख हुआ टीडीएस लिमिट
वित्त मंत्री ने रेंट पर टीडीएस लिमिट को मौजूदा लेवल 2.40 लाख रुपये से बढ़ाकर 6 लाख रुपये सालाना कर दिया है. इससे टीडीएस के लिए ट्रांजैक्शन की संख्या में कमी आएगी. साथ ही ऐसे टैक्सपेयर्स जो छोटा पेमेंट रिसीव करते हैं उनकी टीडीएस देनदारी में कमी आएगी. Cretum Advisory के ऑडिट और डायरेक्ट टैक्स पार्टनर देवन गुप्ता ने वित्त मंत्री के बजट में टैक्स से जुड़े एलानों पर कमेंट करते हुए कहा, बजट 2025 टैक्स रिफॉर्म्स के साथ भारत के विकास को गति देने वाला बजट है. गुड्स के सेल्स पर TCS को हटाने से नगदी से जुड़ी चिंताएँ कम होंगी. सरकार ने कर विवादों को निपटाने के लिए विवाद से विश्वास योजना को भी बढ़ावा दिया है, जिससे लगभग 33000 करदाताओं को लाभ होगा. नई कर व्यवस्था सालाना ₹12 लाख तक कमाने वाले व्यक्तियों और बिजनेस के लिए टैक्स में बड़ी राहत दी गई है. ये सुधार भारत को एक वैश्विक स्टार्टअप केंद्र के रूप में स्थापित करने के साथ विदेशी निवेश को आकर्षित करेगा और इज ऑफ डूइंग बिजनेस को आगे हुए आर्थिक विकास की राहत को आसान करेगा.