शानदार सफलता : मजदूर की बेटी को प्रशासनिक सेवा में फर्स्ट रैंक, पति ने भी बाजी मारी
झारखंड प्रशासनिक सेवा में मजदूर की बेटी ने फर्स्ट आकर झंडा गाड़ दिया। गजब तो यह हुआ कि उसके साथ उसके पति ने भी प्रशासनिक सेवा परीक्षा पास कर ली और उनको भी 32वां रैंक हासिल हुआ। उनके पति रांची के एक थाने में बतौर सब-इंस्पेक्टर तैनात थे। पहला रैंक लाकर पूरे परिवार और ससुराल का नाम रोशन करनेवाली सुमन ने कहा – हम दोनों ने आपसी सामंजस्य से परीक्षा की तैयारी की और इसका परिणाम अब सबके सामने है। सुमन भी वर्तमान में पोस्टल डिपार्टमेंट में कार्यरत हैं।
झारखंड के हजारीबाग जिले के बड़कागांव प्रखंड के बादम पंचायत निवासी बेनी महतो के सबसे छोटे बेटे गौतम कुमार के लिए छठी जेपीएससी रिजल्ट दोहरी खुशी लेकर आई है। पहले प्रयास में गौतम खुद तो सफल हुए ही हैं उनकी पत्नी सुमन गुप्ता को भी सफलता मिली है। दोनों प्रशासनिक सेवा श्रेणी में सफल रहे हैं। वर्तमान में गौतम रांची में सब इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत हैं और उनकी पत्नी हजारीबाग पोस्ट ऑफिस में पोस्टल असिस्टेंट के रूप में कार्य कर रही है।
गौतम की पत्नी सुमन गुप्ता ने राज्य में पहला रैंक हासिल किया है। वहीं पति गौतम कुमार ने 32वां रैंक हासिल किया है। दोनों ने बताया कि वे मिलकर जेपीएससी की तैयारी कर रहे थे। दो साल पहले दोनों की शादी हुई। गौतम कुमार के पिता बेनी महतो पेशे से किसान हैं। गौतम के भाई जागो महतो वर्तमान में गढ़वा में बीडीओ है। गौतम कुमार ने कहा कि ईमानदारी से मेहनत करने पर कोई भी लक्ष्य पाया जा सकता है।
सुमन गुप्ता ने कहा कि हम दोनों का आपसी सामंजस्य और गौतम के भाई जागो महतो एवं मुरली दांगी का परामर्श सफलता का कारण है। उन्होंने बताया कि सेल्फ स्टडी बहुत कारगर होता है। यदि विषयों को ठीक से समझ लिया जाये तो प्रतियोगी परीक्षाओं को पास करना आसान है। परीक्षार्थी सिलेबस और विषयों को ठीक से नहीं समझ पाते हैं, जिस कारण उन्हें परेशानी होती है। हमलोगों ने किसी कोचिंग का सहारा नहीं लिया। हमदोनों ने एक दूसरे से डिस्कशन कर आत्मविश्वास जगाया।
सुमन गुप्ता ने बताया कि हमें लगता है कि कोचिंग और व्यर्थ की भागदौड़ से समय बर्बाद होता है। कोचिंग से अच्छा होता है कि मैटेरियल इक्ट्ठा कर सेल्फ स्टडी की जाए, इससे सफलता मिलने की गारंटी ज्यादा होती है। वहीं गौतम के पिता बेनी महतो ने कहा कि गौरव होता है जब लोग मेरे बेटे की वजह से मेरा नाम लेते हैं।