तैयारियों की समीक्षा बैठक जिला कलेक्ट्रेट कलेक्ट्रेट सभागार में संपन्न हुई। बैठक में जिलाधिकारी द्वारा गेहूं क्रय केन्द्र प्रभारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए ।जिला खाद्य विपणन अधिकारी द्वारा बताया गया कि जनपद में कुल 40 क्रय केन्द्र खोले गये है, जिसमें खाद्य विभाग के 5 क्रय केन्द्र, पी०सी०एफ० के 31क्रय केन्द्र, मंडी समिति के 01 क्रय केंद्र एवं भा0खा0नि0 के 03 क्रय केन्द्र स्थापित किये गये है। उन्होंने बताया कि गेहूं खरीद दिनांक 01 मार्च 2024 से प्रारम्भ होकर 15 जून 2024 तक प्रभावी रहेगी। गेहूं क्रय केन्द्र प्रातः 09 बजे से शाम 06 बजे तक खुले रखे जायेंगे। उन्होंने बताया कि कृषकों से न्यूनतम समर्थन मूल्य 2275 रू० प्रति क्विंटल के आधार पर रबी विपणन वर्ष 2024-25 में गेहूं का क्रय किया जायेगा। मूल्यसमर्थन योजना अन्तर्गत रबी विपणन वर्ष 2024-25 में जनपद में गेहूं क्रय का लक्ष्य 32000 मी टन निर्धारित किया गया है। जब तक किसान क्रय केन्द्रों पर गेहूँ लेकर आयेंगे उनका MSP पर खरीद सुनिश्चित की जायेगी। रबी विपणन वर्ष 2024-25 में भारत सरकार द्वारा निर्धारित मानक / गुणनिर्विदिष्टियों के अनुसार गेहूं क्रय किया जायेगा।
जिलाधिकारी ने सभी केन्द्र प्रभारियों को मानक में गेहूँ खरीदते समय साफ सफाई पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए । उन्होंने कहा कि भारतीय खाद्य निगम में गेहूँ खरीद करते समय समस्या नहीं आनी चाहिए। जिला खाद्य विपणन अधिकारी ने बताया कि इसबार किसानों से 100 कुंतल तक गेंहू बिना सत्यापन के खरीदा जाएगा एवं इस बार बंटाईदारों से भी गेंहू खरीद की जाएगी। मोबाइल केंद्रों के माध्यम से गांवों में किसानों के घर से भी गेंहू खरीदा जाएगा। क्रय में एफ पी ओ, एफपीसी, पंजीकृत सोसायटी, मल्टी सेक्टोरल सोसायटी से भी खरीद की जाएगी। जिलाधिकारी ने केन्द्रों पर गेहूँ खरीद हेतु आवश्यक उपकरण जैसे इलेक्ट्रानिक कांटा, नमी मापक यंत्र, छलना, विनोइंग फैन आदि की व्यवस्था पूर्ण कर ले जाने का निर्देश दिया तथा इसका सत्यापन सभी उपजिलाधिकारी सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि राजपत्रित एवं रविवार अवकाशों को छोड़ कर शेष कार्य दिवसों में गेहूं क्रय केन्द्र खुले रहेंगे। प्रत्येक गेहूं क्रय केन्द्र पर गेहूँ का एक मानक नमूना भी प्रदर्शित किया जाय तथा क्रय केन्द्रों पर किसानों के लिये पीने का पानी, बैठने की व्यवस्था, वाहन पार्किंग के लिये पर्याप्त स्थान सुनिश्चित रखा जाए। गेहूं क्रय केन्द्र पर वर्षा व प्राकृतिक आपदाओं से गेहूँ को बचाने के लिये त्रिपाल, क्रेटस इत्यादि की व्यवस्था कर ली जाये, जिससे गेहूँ खराब न होने पाये। मण्डी समिति द्वारा क्रय केन्द्रों पर उपलब्ध कराये गये उपकरणों की खराबी पर मण्डी सचिव / मण्डी समिति को सूचना उपलब्ध कराते हुए तत्काल खराब उपकरणों को ठीक कराया जाय। बैठक में बताया गया कि गेहूं की बिक्री हेतु कृषक को खाद्य विभाग के पोर्टल www.fcs.up.gov.in पर पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। ई-पाप (इलेक्ट्रानिक प्वाइन्ट आफ परचेज) मशीन के माध्यम से गेहूं खरीद की जायेगी। ई-पाप द्वारा किसानों के बायोमैट्रिक प्रमाणीकरण द्वारा गेहूँ खरीद की जायेगी। किसान के स्वयं उपस्थित न होने की दशा में किसान द्वारा पंजीकरण के समय अपने पंजीकरण प्रपत्र में दिये गये परिवार के सदस्य का बायोमैट्रिक प्रमाणीकरण कराते हुये गेहूं क्रय किया जायेगा। किसानों को ई-पाप से प्राप्त गेहूं क्रय की पर्ची उपलब्ध करायी जायेगी। क्रय केन्द्रों पर अभिलेखों का रख रखाव जैसे टोकन पंजिका, निरीक्षण पंजिका, शिकायत पंजिका, रिजेक्शन रजिस्टर, क्रय तकपट्टी, क्रय पंजिका, स्टाक रजिस्टर, बोरा रजिस्टर, टी०सी० डी०सी० मूवमेण्ट चालान इत्यादि गेहूं क्रय केन्द्रों पर व्यवस्थित रखना सुनिश्चित कर लिया जाए। किन्ही विशिष्ट परिस्थितियों में कृषकों द्वारा लाया गया गेहूँ यदि मानक के अनुरूप नहीं पाया जाता है तो अस्वीकृत किये जाने की प्रक्रिया ऑनलाइन पोर्टल व रिजेक्शन रजिस्टर में की जायेगी।

रिपोर्टर=अभिषेक ओबेरॉय
जिला महासचिव पत्रकार समाज कल्याण समिति
कर्वी चित्रकूट