जिला प्रशासन ने दरगाह प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर लिया निर्णय
राजस्थान। अजमेर .विश्व प्रसिद्ध ख्वाजा गरीब नवाज के सालाना उर्स में इस बार रौनक नहीं हो सकेगी ।देश-विदेश से आने वाले जायरीन पर भी पाबंदियां रहेंगी। केवल धार्मिक रस्में ही हो पाएगी। कोरोना के चलते जिला प्रशासन की बैठक में यह निर्णय लिया गया है।
जिला कलक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने बताया कि मार्च माह में होने वाले सालाना उर्स को लेकर दरगाह के प्रतिनिधियों के साथ वार्ता की गई। जिसमें सर्वसम्मति से उर्स में केवल धार्मिक रस्में करने का निर्णय लिया गया। कोरोना के चलते धार्मिक कार्यक्रमों के वृहद आयोजन पर सरकार ने रोक लगा रखी है। ऐसे में यहां भी दरगाह के प्रतिनिधियों के जरिए जायरीन से नहीं आने की अपील की जाएगी । जिससे देशभर में यह संदेश जा सके और बड़ी संख्या में जायरीन यहां नहीं पहुंचे।
दरगाह दीवान सैयद जैनुल आबेदीन के प्रतिनिधि नसीरुद्दीन चिश्ती ने बताया कि हर वर्ष ख्वाजा साहब का सालाना उर्स शानो शौकत से मनाया जाता है । जिसमें लाखों जायरीन शिरकत करते हैं लेकिन इस बार कोरोना के चलते ऐसा आयोजन संभव नहीं है । जिला प्रशासन के साथ आयोजित बैठक में उर्स में अधिक जायरीन नहीं पहुंचे इसके लिए सहमति दी है। साथ ही वह जायरीन से अपील करते हैं कि ना के बराबर ही दरगाह पहुंचे और खासतौर से महिलाएं, बच्चे व बुजुर्ग तो यहां आने से बचें।
दरगाह कमेटी के पूर्व सचिव वाहिद हुसैन अंगारा ने कहा कि सरकार की गाइडलाइन के तहत ही उर्स का आयोजन किया जाएगा और उसमें धार्मिक रस्में तो होगी लेकिन अधिक जायरीन को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। जिससे कि कोरोना का संक्रमण नहीं फैले। उन्होंने कहा कि यह महामारी केवल राजस्थान ही नहीं बल्कि देश और विदेश में भी अपना प्रकोप दिखा रही है। ऐसे में इससे बचना बेहद जरूरी है
रिपोर्टर सैय्यद अलताफ हूसैन