खतरे का निशान 84.734 मीटर है। शुक्रवार को सुबह 10 बजे दोनों नदियों ने खतरे के निशान को पार कर दिया। गंगा खतरे के निशान से 12 और यमुना छह सेंटीमीटर ऊपर बह रही हैं। ऐसे में कछार के निचले इलाकों की बस्तियों में बाढ़ का पानी घुस गया है। छोटा बघाड़ा, नेवादा के पवन नगर, बेली कछार में सैकड़ों मकानों की पहली मंजिल के करीब पानी पहुंच गया है।खतरे का निशान 84.734 मीटर है। शुक्रवार को सुबह 10 बजे दोनों नदियों ने खतरे के निशान को पार कर दिया। गंगा खतरे के निशान से 12 और यमुना छह सेंटीमीटर ऊपर बह रही हैं। ऐसे में कछार के निचले इलाकों की बस्तियों में बाढ़ का पानी घुस गया है। छोटा बघाड़ा, नेवादा के पवन नगर, बेली कछार में सैकड़ों मकानों की पहली मंजिल के करीब पानी पहुंच गया है।

लगातार बढ़ते जलस्तर की वजह से गंगा-यमुना ने शुक्रवार को खतरे का निशान पार कर दिया।जिले में स्थापित 99 बाढ़ चौकियों और आपदा राहत टीमों को सक्रिय कर दिया गया है। बाढ़ नियंत्रण कक्ष की ओर से जारी बुलेटिन के मुताबिक गंगा आठ सेमी. प्रति घंटा और यमुना 12 सेमी. प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रही हैं।रात 10 बजे तक यमुना खतरे के निशान से महज 57 सेमी. नीचे बह रही थी। इस दौरान यमुना का जलस्तर 84.16 मीटर रिकार्ड किया गया। खतरे का निशान 84.73 मीटर है। इसी तरह गंगा के जलस्तर में भी लगातार तेजी से वृद्धि हो रही है। फाफामऊ में गंगा चार सेमी. और छतनाग में आठ सेमी. प्रति घंटा की रफ्तार से बढ़ रही है। इस अवधि तक फाफामऊ में गंगा का जलस्तर 84.20 मीटर और छतनाग में 83.56 मीटर रिकार्ड किया गया। इससे बाढ़ के हालात पैदा हो गए हैं।