झारखंड जमशेदपुर से खास रिपोर्ट
(निशांत खातून महिला सेल अध्यक्ष) ने हॉस्पिटल का जायजा लिया.
अंकित पांडेय (प्रदेश अध्यक्ष महिला सेल) ने झारखण्ड के मुख्यमंत्री को लिखा पत्र.
आज हम बात कर रहे हैं झारखंड जमशेदपुर एमजीएम अस्पताल की झारखंड जमशेदपुर के जिला पूर्वी सिंहभूम अंतर्गत बड़ा सरकारी महात्मा गांधी मेमोरियल अस्पताल है
क्या सरकारी अस्पताल ऐसे ही भीड़, धक्कामुक्की, बदइंतजामी, डॉक्टरों और कर्मचारियों के खराब रवैये, बेड की कमी, दवाओं की कमी, दवाओं की कालाबाजारी, समय से इस्तेमाल में न लाए जाने के कारण दवाओं और उपकरणों के बर्बाद हो जाने की खबरों के कारण चर्चा में रहेंगे.
जहां लोग इलाज के लिए आशा लेकर जाते है,,वही मानव के लिए उपलब्ध सरकारी सुविधाएं.
नाम मात्र बराबर रह गयी है.
अस्पताल में ना तो डॉक्टर सही समय पे मिलते है ना ही अधिकारी,, किसी भी चीजो का सही सुविधा मानव को नही मिल पाता ,, आए दिन अखबारों में खबर अस्पताल की लापरवाही के कारण मरीज की मौत की खबर अखबार वाले छापते रहते है,,,
इस तरह की अनेक गलत गतिविधियों के कारण मरीजों के साथ दुर्व्यवहार तथा उनका सही इलाज ना होने के कारण उन्हें यमलोक तक पहुँचाया जाता है।
अनेक नेता इस मामले को लेकर आंदोलन तक किये लेकिन कोई सुनवाई नही ,,सरकार बदली,, नेता बदले लेकिन हालात वैसे के वैसे ही,, चुनाव जीतने का एजेंडा भी बनाया गया,,
लेकिन चुनाव जीत जाने के बाद भी किसी विधायक मंत्री या किसी मुख्यमंत्री ने इसे गंभीरता से नहीं लिया,
आज बत्तर हालत के वजह से लोग अस्पाताल जाने से डरते हैं।
सवाल या उठता है कि अर्थव्यवस्था कब तक सुधरेगी ?
झारखंड प्रदेश में नई सरकार बनी है क्या हालत सुधार पाएगा क्या उसके स्वास्थ्य मंत्री की नजर एमजीएम अस्पताल तक पहुंचेगी.
बात चर्चा का विषय बना हुआ है