सैयद इफ्तेखार रिज़वी की खास खबर. कुछ इस तरह होता है मोहर्रम अज़ादारी चायल खास कौशाम्बी में इमाम हुसैन की याद में होगी हर आँख नम चायल सैय्यद वड़ा में 1 तारिक से 10 तारिक तक हर घरो से मजलिस और मातम की आवाज़ आती है पहला ताबूत हज़रत मुस्लिम का उठाते जो कि मोहर्रम की 4 तारीख को मेहंदी घर नोहा और सीनज़नी करते हुऐ सरकारी इमामबाड़ा ले लेजाते है 5 तारिक को मोला अब्बास का अलम 6 तारिक को मोल आबिदे बीमार की ताखत 7 तारिक को मोला कासीम की मेहंदी 8 तारिक को जुल्ज़ानाह आए आलम 9 तारिक को बाबू मिया इमामबाड़ा से ताबूत अली अकबर उठाते है 10 तारिक को मेहदी घर से दिन के 1बजे छोटी छोटी बच्चियों के गले में तोक और पैरों में बेड़िया पहन कर या अम्मू अलाताश कहते हुई सरकारी इमामबाड़ा पहोचती है और अलम को पकड़ के जैसे बीबी सकीना अपने चाचाजान मौला अब्बास से पानि की फरियाद करती है वैसेही ये बच्चियां अलम को पकड़ कर फरयाद करती है उसके बाद सरकारी इमामबाड़ा से ताजिया उठाकर नोहा और सीना जनी करते हुए कर्बला पहुंचते हैं इंडिया न्यूज 20 ब्यूरो चीफ सैयद इफ्तेखार रिज़वी की खास खबर