भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स 19 मार्च 2025 की सुबह 9 महीने 13 दिन बाद अंतरिक्ष से लौटीं। अमेरिका के फ्लोरिडा शहर में समुद्र के नीले तैरते पानी पर उनके ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट की सफल लैंडिंग हुई, लेकिन उन पलों ने एक बार के लिए पूरी दुनिया को भारतीय मूल की उस अंतरिक्ष यात्री की याद दिला दी, जिसकी किस्मत सुनीता विलियम्स जैसी नहीं थी।
बात हो रही है, भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला की, जिनका स्पेसक्राफ्ट कोलंबिया शटल धरती के वायुमंडल में एंटर कर गया था, लेकिन धरती पर लैंडिंग से 16 मिनट पहले ही उनका स्पेसक्राफ्ट क्रैश हो गया और उसमें सवार कल्पना चावला समेत सभी 7 एस्ट्रोनॉट्स मारे गए। आइए जानते हैं कि 19 मार्च 2025 को सुनीता विलियम्स की लैंडिंग कैसे हुई?
कल्पना चावला स्पेसक्राफ्ट कोलंबिया शटल क्रैश
कल्पना चावला 2 बार अंतरिक्ष में गई थीं। पहली यात्रा सफल रही, लेकिन दूसरी यात्रा उनकी जिंदगी ही छीनकर ले गई। कल्पना चावला 19 नवंबर 1997 को पहली बार अंतरिक्ष में गई थीं और 372 घंटे उन्होंने अंतरिक्ष में बिताए। दूसरी बार 16 जनवरी 2003 को कोलंबिया शटल में वे अंतरिक्ष में गईं। 16 दिन का मिशन था और 1 फरवरी 2003 को उन्हें अंतरिक्ष से लौटना था, लेकिन 16 मिनट में सब कुछ खत्म हो गया। धरती से 2 लाख फीट दूर थीं कल्पना चावला और उनका स्पेसक्राफ्ट कोलंबिया शटल 20 हजार किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से धरती की ओर बढ़ रहा था, लैंडिंग में 16 मिनट बाकी थे।
लेकिन अचानक उनके यान का नासा के वैज्ञानिकों से सपंर्क टूट गया। इसके बाद जोरदार धमाका हुआ और उनका स्पेसक्राफ्ट आग का गोला बना गया। टेकऑफ करते समय स्पेसक्राफ़ट के फ्यूल टैंक से इंसुलेटिंग फोम के टुकड़े निकले थे, जो कोलंबिया स्पेसक्राफ्ट के बाएं पंख से टकरा गए थे। इस टकराव से स्पेसक्राफ्ट को पृथ्वी के वायुमंडल में एंट्री करते समय होने वाली तेज गर्मी से बचाने में मददगार टाइल्स टूट गई थीं। इसलिए जब स्पेसक्राफ्ट ने लौटते समय धरती के वायुमंडल में एंट्री की तो वह 1500 डिग्री से ज्यादा का तापमान सह नहीं पाया और उसमें आग लग गई।
सुनीता विलियम्स स्पेसक्राफ्ट ड्रैगन लैंडिंग
सुनीता विलियम्स 5 जून 2024 को स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट में रात 8:22 बजे एटलस V रॉकेट के जरिए क्रू-8 मिशन के तहत अंतरिक्ष में पहुंची थीं, लेकिन स्पेसक्राफ्ट के थ्रस्टर्स फेल हो गए थे और हीलियम लीकेज हुई थी। इस वजह से उस स्पेसक्राफ्ट में वापसी संभव नहीं थी, जिस वजह से उन्हें 9 महीने 13 दिन वहीं बिताने पड़े, जबकि वे 8 दिन के लिए गई थीं। कई प्रयासों के बाद स्पेसएक्स और नासा ने मिलकर 16 मार्च को ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट में क्रू-10 मिशन को लॉन्च किया।
17 मार्च को मिशन वहां पहुंचा, 4 एस्ट्रोनॉट थे। चारों एस्ट्रोनॉट इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में रुक गए। ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट क्रू-8 मिशन के बुच विल्मोर और सुनीता विलियम्स, क्रू-9 के निक हेग और अलेक्सांद्र गोरबुनोव को लेकर 18 मार्च को अंतरिक्ष से रवाना हुआ। 25 हजार किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से 17 घंटे का सफर तय करके फ्लोरिडा के समुद्र में सुरक्षित लैंड हो गया। इस तरह सुनीता विलियम्स वापस आ गईं, लेकिन कल्पना चावला की किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया।