कौशाम्बी। पीडब्ल्यूडी के निरीक्षण भवन कौशाम्बी खास में डेढ़ दर्जन से अधिक अशोक के पेड़ को कटवा दिए गए थे। स्थानीय लोगों ने पीडब्ल्यूडी के जेई पर अशोक की लकड़ी बेंच लेने का आरोप लगाया था। इस मामले की खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया। जिसके बाद विभागीय अफसर हरकत में आ गए। मंगलवार को डीएफओ ने वन दरोगा को मौके पर भेजकर मामले की जांच कराई। जेई तो मौके पर नहीं मिले। हालांकि वन दरोगा चौकीदार से पूछताछ करने के बाद जेई को कारण बताओ नोटिस जारी कर दी।
गुरूवार यानि छह फरवरी को निरीक्षण भवन कौशाम्बी में खड़े डेढ़ दर्जन से अधिक अशोक के पेड़ों को आधी दूर से काटकर धाराशायी कर दिया गया। इसके बाद काटी गई लकड़ी को ट्रैक्टर ट्राली में लदाकर भेज दिया गया। यही नहीं पेड़ों की टहनियां भी परिसर में जलवा दी गई। इस पर स्थानीय लोगों ने नाराजगी जाहिर की थी। उनका कहना था कि जब उन्होंने जेई से सवाल किया गया तो वह जवाब देने से कतराते नजर आए। जिस पर लोगों ने सीधे तौर पर जेई को जिम्मेदार ठहराते हुए उन पर पेड़ कटवाकर लकड़ी बेंच लेन के ओराप लगाने लगे। यह खबर जब एक अखबार ने प्रकाशित की तो विभागीय अफसरों में हडकंप मच गया। डीएफओ पीके सिंहा ने मामले की जांच कराने के लिए मंगलवार को वन दरोगा अवधेश कुमार और सिपाही मंसूर अली को मौके पर भेजकर जांच कराई।
निरीक्षण के दौरान वन दरोगा को चौकीदार रामपाल ही निरीक्षण भवन मिले। रामपाल से पूछताछ करने के साथ ही वन दरोगा ने जेई के लिए विभाग की ओर से जारी कारण बताओ नोटिस रामपाल को सौंपते हुए जेई से फोन के जरिए वार्ता कर तीन दिन में स्पष्टीकरण देने की बात कही।
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