उचित दर राशन बिक्रेता कोटा का चयन भारी गहमा-गहमी व हंगामे के बीच सम्पन्न
भारी संख्या मे पुलिस और पीएससी मौजूद रही। एक पक्ष को 271 व दूसरे पक्ष को 262 लोगों का मिला समर्थन
प्रयागराज। विकासखंड शंकरगढ़ के ग्राम सभा झंझरा चौबे के उचित दर विक्रेता (कोटे) चयन की प्रक्रिया शनिवार को दोपहर दो स्यमं सहायता समूह और उनके समर्थकों के गहमा-गहमी के बीच भारी पुलिस पीएसी की सुरक्षा के मध्य सम्पन्न हुआ।
झंझरा चौबे प्राथमिक विद्यालय परिसर में सेक्टर मजिस्ट्रेट जिला उद्यान अधिकारी प्रतिभा पांडेय,नोडल अधिकारी पशु चिकित्साधिकारी सुनील मिश्रा,नोडल अधिकारी सहायक खंड विकास अधिकारी आईएसबी धीरेन्द्र त्रिपाठी, सहायक खंड विकास अधिकारी पंचायत (एडीओ) ओम प्रकाश पाण्डेय, ग्राम पंचायत अधिकारी दीपेस सिंह, ग्राम प्रधान श्यामा देवी आदि ने चुनाव प्रक्रिया के तहत कबिता महिला स्यमं सहायता समूह से सुमन सिंह पति नन्दलाल सिंह निवासी झंझरा पांडेय व जय माता महिला समूह से सीमा मांझी पति राहुल माझी निवासी चकगरीबा ने राशन के दुकान चयन प्रक्रिया में प्रत्याशी रहे। अधिकारियों ने दोनों स्यमं सहायता समूह के सदस्यों के पीछे विधालय परिसर मे समर्थको को लाईन लगाकर गणना कराई प्रथम पक्ष से सुमन सिंह कबिता महिला स्यमं सहायता समूह को 271 लोगों का समर्थन के मत प्राप्त हुए। व सीमा मांझी जय माता महिला समूह को 262 लोगों के समर्थन का मत प्राप्त हुआ। जिसपर सीमा मांझी के समर्थको ने हार से बौखला कर अधिकारियों से और समय बढाने को लेकर बहस होने लगी। पहले से स्थिति को भांपते हुए प्रर्याप्त संख्या में पीएससी व पुलिस चौकी प्रभारी नारीबारी जगदीश कुमार के नेतृत्व में मौजूद रहे और स्थिति को नियंत्रित करते रहे। और अधिकारी शासनादेश व नियमों का हवाला देते हुए। कबिता महिला स्यमं सहायता समूह से सुमन सिंह को 9 मतो से विजई घोषित कर राशन वितरण दुकान देने की घोषणा की। इस अवसर पर प्रमुख लोगो मे महेंद्र सिंह,दिलीप कुमार चतुर्वेदी,बालेन्द्र चतुर्वेदी, राजेश चतुर्वेदी,राम जतन तिवारी,गौरी आदिवासी,राबेन्द्र सिंह,राजेन्द्र चतुर्वेदी, धीरेन्द्र चतुर्वेदी आदि के साथ भारी संख्या मे ग्राम सभा के निवासीगण मौजूद रहे।
भारी भीड़ के बीच कम जगह मे चुनाव प्रक्रिया की खूब उड़ी शोशल डिस्टेसिंग की धज्जियां नही दिखाई दी कोई सावधानियां। ग्रामीण दूसरे जगह की मांग करते रहे लेकिन अधिकारियों ने एक नही सुनी थी।
कुछ ग्रामीणों ने तत्काल स्यमं सहायता समूह के खाते खुलवाकर भाग लेने का प्रयास किया लेकिन अधिकारियों द्धारा शासनादेश का हवाला देते हुए तीन माह पुराने स्यमं सहायता समूह होने के बाद सहभागिता की बात बताई।
ग्रामिण भारी भीड़ और गर्मी मे बेहाल रहे। किसी प्रकार की व्यवस्था व छाया ना रहने से काफी आक्रोषित दिखाई दिए और हो-हल्ला करते रहे।