अफगानिस्तान में बदलती स्थिति, तालिबान और उनके सहायक संगठनों के कश्मीर में फैलने की आशंकाओं को देखते हुए पाकिस्तान से बातचीत करना भारत के लिए समझदारी होगी. कश्मीर में पहले से ही विदेशी आतंकवादियों की संख्या 70 फीसदी से अधिक हो चुकी है.
गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू कश्मीर की स्थानीय पार्टियों के आग्रह से इनकार करते हुए कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान के साथ बातचीत करने के उनके प्रस्ताव को खारिज कर दिया. इस हफ्ते उत्तरी कश्मीर में एक रैली के दौरान शाह ने कहा, “जम्मू-कश्मीर पर 70 साल तक शासन करने वाले लोग कह रहे हैं कि हमें पाकिस्तान से बात करनी चाहिए. हमें पाकिस्तान से क्यों बात करनी चाहिए? हम बात नहीं करेंगे. हम बारामूला के लोगों से बात करेंगे. हम कश्मीर के लोगों से बात करेंगे.” इस तरह से भारत सरकार ने एक बार फिर पाकिस्तान से बातचीत करने पर इनकार कर दिया है. ध्यान रहे कि 2019 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कश्मीर के मुद्दे पर दोनों देशों के बीच मध्यस्थता करने की पेशकश की थी.